रायपुर। एंटी करप्शन ब्यूरो और ईओडब्ल्यू ने संयुक्त रूप से आय से अधिक संपत्ति के मामले में कई राज्यों में छापे मारे हैं। निलंबित आईएएस समीर बिश्नोई, रानू साहू और राज्य प्रशासनिक सेवा की अफसर सौम्या चौरसिया से संबंधित अनेक ठिकानों पर दबिश दी है। सूत्रों के मुताबिक ईओडब्ल्यू की 20 टीमों ने छत्तीसगढ़, राजस्थान, झारखंड, कर्नाटक और बैंगलोर में कई ठिकानों पर छापा मारा है।
सूत्रों के मुताबिक, आय से अधिक संपत्ति के मामले में छत्तीसगढ़ के भिलाई, रायगढ़, कोरबा के अलावा झारखंड, राजस्थान, कर्नाटक और बैंगलोर में छापेमारी कर रही है। सूत्रों के मुताबिक आय से अधिक संपत्ति के मामले में ACB/EOW के 20 स्पेशल टीम तैयार की गई है। इनमें से 16 टीमें छत्तीसगढ़ में, राजस्थान, झारखंड, कर्नाटक और बैंगलोर में एक-एक टीम कार्रवाई कर रही है। तीनों अफसरों के ठिकानों से करोड़ों रुपयों की संपत्ति की जानकारी मिली है।
राजस्थान के अनूपगढ़ और हनुमानगढ़ में छापे
सूत्रों के मुताबिक, निलंबित आईएएस समीर बिश्नोई ने अपनी संपत्ति का कुछ हिस्सा ससुराल में इन्वेस्ट किया है। उसी की तलाश में एक टीम समीर बिश्नोई के राजस्थान में अनूपगढ़ और हनुमानगढ़ पहुंची है। सूत्रों के मुताबिक, राजस्थान में समीर बिश्नोई ने कई एकड़ जमीन खरीदने के अलावा रूई और बर्फ की फैक्ट्रियों में पैसा लगाया है। फिलहाल ईओडब्ल्यू की बड़ी टीम समीर के ससुराल में कार्रवाई कर रही है। उधर राज्य प्रशासनिक सेवा की अधिकारी सौम्या चौरसिया के बैंगलोर स्थित घर पर छापेमारी जारी है। साथ ही सौम्या चौरसिया के झारखंड स्थित ठिकानों पर भी रेड पड़ी है।
इन अफसरों के खास रहे कारोबारियों पर भी छापे
इसके अलावा छत्तीसगढ़ में इन तीनों अफसरों के खास रहे व्यापारियों के ठिकानों पर भी छापेमारी की जा रही है। इनका प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से कोयला लेवी या फिर सौम्या चौरसिया, रानू साहू और समीर बिश्नोई के कारोबार से कोई ना कोई लिंक है। इनमें होटल कारोबारी, कोयला कारोबारी, ठेकेदार और जमीन कारोबारियों के ठिकानों पर कार्रवाई की है।
दो साल से जेल में बंद हैं तीनों अफसर
उल्लेखनीय है कि, निलंबित IAS समीर बिश्नोई, रानू साहू और राज्य प्रशासनिक सेवा की अफसर सौम्या चौरसिया दो साल से जेल में हैं। कोयला लेवी के मामले में ईडी ने सबसे पहले आरोपियों के ठिकानों पर छापे मारे थे। इसी छापे में समीर बिश्नोई, रानू और सौम्या तीनों की संलिप्तता का पता चला था। कड़ी दर कड़ी जांच बढ़ती चली गई और आरोपियों पर ईओडब्ल्यू में भी कोयला और आय से आधिक संपत्ति अर्जित करने का मामला दर्ज हुआ है।