डोंगरगढ़- छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ में विश्व प्रसिद्ध जैन मुनि आचार्य श्री विद्यासागर महाराज ने 17 फरवरी को रात ढाई बजे अंतिम सांस ली है। वे पिछले कई दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे। लगभग छह महीने से डोंगरगढ़ के चंद्रगिरी में रुके हुए थे। तीन दिन तक उपवास करने के बाद उन्होंने अपना शरीर त्याग दिया था।
बता दें, उनके शरीर त्यागने की खबर मिलने के बाद जैन समाज के लोग डोंगरगढ़ में बड़ी संख्या में पहुंचे। जहां पूजन के बाद अंतिम संस्कार किया गया। इसी सदर्भ में छत्तीसगढ़ में सरकार ने आधे दिन का राजकीय शोक घोषित किया है।
जैन मुनि आचार्य विद्यासागर महाराज के अंतिम संस्कार के लिए बड़ी संख्या में डोंगरगढ़ पहुंचे लोग @vishnudsai @vidyasagar_guru #chhattisgarh @narendramodi @BJP4CGState pic.twitter.com/0Ei1f2MyC8
— Haribhoomi (@Haribhoomi95271) February 18, 2024
सीएम साय ने ट्वीट कर कहा...
सीएम विष्णुदेव साय ने ट्वीट करते हुए कहा कि, छत्तीसगढ़ सहित देश-दुनिया को अपने ओजस्वी ज्ञान से पल्लवित करने वाले आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज को देश और समाज के लिए किए गए उल्लेखनीय कार्य, उनके त्याग और तपस्या के लिए युगों-युगों तक स्मरण किया जाएगा। आध्यात्मिक चेतना के पुंज आचार्य श्री विद्यासागर जी के श्रीचरणों में कोटि-कोटि नमन...
विश्व वंदनीय, राष्ट्र संत आचार्य श्री विद्यासागर महामुनिराज जी के डोंगरगढ़ स्थित चंद्रगिरी तीर्थ में सल्लेखना पूर्वक समाधि का समाचार प्राप्त हुआ।
— Vishnu Deo Sai (@vishnudsai) February 18, 2024
छत्तीसगढ़ सहित देश-दुनिया को अपने ओजस्वी ज्ञान से पल्लवित करने वाले आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज को देश व समाज के लिए किए गए… pic.twitter.com/bRvbWKPGHW
पंच तत्व में विलीन किया जाएगा
बता दें, संत शिरोमणि 108 आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी का समाधिमरण मरण डोंगरगढ़ के चंद्रगिरि में हुआ है। माघ शुक्ल अष्टमी पर्वराज के अंतर्गत उत्तम सत्य धर्म के दिन रात्रि 2:35 बजे ब्रह्म में लीन हुए हैं| हम सब के प्राण दाता राष्ट्रहित चिंतक परम पूज्य गुरुदेव ने विधिवत संलेखना बुद्धि पूर्वक धारण कर ली थी | पूर्व जागृत अवस्था में उन्होने आचार्य पद का त्याग करते हुए 3 दिन के उपवास ग्रहण करते हुए आहार और संघ का प्रत्याख्यान कर दिया था| प्रत्याख्यान और प्रायश्चित देना बंद कर दिया था। अब 18 फरवरी को दोपहर 1 बजे श्री विद्यासागर जी का डोला श्री दिगम्बर जैन को पंच तत्व में विलीन कर दिया जाएगा।