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हसदेव अरण्य क्षेत्र में कोयले की खदाने हैं। यह कोल ब्लाक राजस्थान सरकार को आवंटित है। नई सरकार बनते ही वहां काम में तेजी आ गई है।

रायपुर। विधानसभा में बुधवार को शून्यकाल में विपक्ष ने हसदेव अरण्य में पेड़ों की कटाई पर स्थगन प्रस्ताव पेश किया। शून्यकाल में नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने पेड़ों की कटाई का मामला उठाया।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा- नई सरकार बनने से पहले ही वन संरक्षक ने पेड़ काटने की अनुमति दे दी। जबकि छत्तीसगढ़ विधानसभा ने पेड़ों को ना काटे जाने पर शासकीय संकल्प पारित किया था। श्री महंत ने कहा कि, इसके बावजूद पेड़ों को काटा जाना बेहद गंभीर मामला है। उन्होंने सभी काम रोककर हसदेव अरण्य में पेड़ों की कटाई को लेकर लाए गए स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा कराने की मांग की।

चुनाव नतीजे आते ही अदृश्य शक्ति ने शुरू किया काम : बघेल

स्थगन प्रस्ताव का समर्थन करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा- आखिर कौन सी अदृश्य शक्ति है, जिसने बगैर आदेश पेड़ों की कटाई शुरू कर दी। कौन सी अदृश्य शक्ति है जिसने बगैर आदेश तोड़फोड़ शुरू कर दिया। पूरे प्रदेश में गोबर की खरीदी बगैर आदेश रोक दी गई। श्री बघेल ने कहा कि, हसदेव अरण्य में पेड़ों की कटाई रोका जाना चाहिए। इस विषय पर सभी काम रोककर चर्चा कराई जाए।

धर्मजीत की टिप्पणी पर तीखी बहस, स्थगन नामंजूर

हसदेव अरण्य मामले में स्थगन पर कांग्रेस विधायकों की चर्चा की मांग के बीच भाजपा विधायक धर्मजीत सिंह के बयान पर दोनों पक्षों के बीच तीखी बहस शुरू हो गई। धर्मजीत सिंह ने कहा- आज जो आदिवासी हितों की बात कह रहे हैं, पिछली सरकार में वे ही चुप थे। इसके बाद विपक्ष का स्थगन प्रसताव स्पीकर ने अस्वीकार कर दिया। विधानसभा अध्यक्ष डा. रमन सिंह ने स्थगन को लेकर कहा- बजट सत्र है इसीलिए इस पर बात करने की अनुमति अभी नहीं देता हूं, इसे नामंजूर किया जाता है। स्थगन पर चर्चा अस्वीकार होने पर विपक्ष ने  हंगामा शुरू कर दिया। सदन के अंदर की नारेबाजी और शोर -शराबा के बीच सदन की कार्यवाही 5 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई।

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