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पहली बार संग्रहण केंद्रों के प्रबंधकों व प्रभारियों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। याचिका में कहा - संग्रहण केंद्र से धान का उठाव सही तरीके से नहीं हो रहा है। 

बिलासपुर। संग्रहण केन्द्रों से धान का उठाव नहीं हो रहा है। इससे होने वाले शार्टेज व अन्य नुकसान के लिए सीधे केंद्र प्रभारी व कर्मचारियों को जिम्मेदार माना जाता है और कार्रवाई होती है। इसके खिलाफ पहली बार संग्रहण केंद्रों के प्रबंधकों व प्रभारियों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। याचिका में कहा गया है कि संग्रहण केंद्र से धान का उठाव और परिवहन सही तरीके से नहीं हो रहा है। बारिश होने पर भी धान खराब होता है।

इस पर हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से पूछा कि आप को इससे क्या दिक्कत है। याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता ने कहा हमारे पास धान रखने के लिए, शेड नहीं है। बारिश में सड़कर धान खराब होता है और इसके लिए हमारे खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाता है। इस पर कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा कि प्रतिवर्ष इस मामले में सहकारी समितियों के खिलाफ 200 मुकदमा दर्ज होता है।

खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम से मांगा जवाब

कोर्ट ने सीधे सचिव खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम को नोटिस जारी कर प्रदेश के सभी जिलों में पैडी प्रोक्योरमेंट स्कीम 2023- 2024 के अनुसार धान का उठाव व परिवहन की स्थिति के संबंध में शपथ पत्र के साथ जवाब मांगा है। कोर्ट ने स्कीम का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई इसकी भी जानकारी मांगी है। याचिका में एक सप्ताह बाद सुनवाई होगी।

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