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प्रदेशभर में शासकीय दफ्तरों में कर्मचारियों की मनमानी जारी है। केवल 40 प्रतिशत कर्मचारी ही समय पर दफ्तर पहुंचते हैं। जबकि, 60 प्रतिशत कर्मचारी अपने मन मुताबिक दफ्तर जाते हैं।

रायपुर। प्रदेशभर में शासकीय दफ्तरों में कर्मचारियों की मनमानी जारी है। केवल 40 प्रतिशत कर्मचारी ही समय पर दफ्तर पहुंचते हैं। जबकि, 60 प्रतिशत कर्मचारी अपने मन मुताबिक दफ्तर जाते हैं। इससे आम जनता को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उनके जो काम जल्द से जल्द हो सकते हैं वे सारे काम कर्मचारियों के लेट-लतीफ व्यवहार के कारण अटक जाते हैं। 

राजधानी रायपुर की बात करें तो यहां पर भी शासकीय दफ्तर में सन्नाटा पसरा हुआ है। रायपुर कलेक्ट्रेट के अलग-अलग शाखा में कर्मचारी समय पर नहीं पहुंच रहे हैं। सभी कर्मचारियों को 10 बजे दफ्तर में उपस्थित होने के निर्देश दिए गए हैं। बावजूद इसके वे अपनी मनमानी कर रहे हैं। 

अधिकारी-कर्मचारी समय को लेकर लापरवाह 

वहीं मुंगेली जिले में भी अधिकारी-कर्मचारियों का रवैय्या ऐसा ही है। अपने समय को लेकर वे काफी लापरवाह हैं। उन्होंने जीएडी के सख्त आदेश का भी मजाक बनाकर रखा है। 70 फीसदी विभागों से शासकीय कर्मचारी नदारद रहे। बता दें कि, पिछली सरकार ने शासकीय कर्मचारियों के लिए 5 वर्किंग डेज का नियम लागू किया था। इसके बावजूद भी अधिकारी-कर्मचारी लापरवाही कर रहे हैं और अधिकतर समय दफ्तर से नदारद रहते हैं। 

10 बजे के बाद भी कई सरकारी दफ्तरों में लगे ताले 

अंबिकापुर के सरकारी दफ्तरों में 10 बजे तक ऑफिस खोलने और अधिकारी-कर्मचारियों के पहुंचने के निर्देश हैं। लेकिन वहां पर भी सरकार के निर्देश का खुले आम धज्जियां उड़ाई जा रही है। सप्ताह में 2 दिन छुट्टी होने के बाद भी सरकारी अधिकारी-कर्मचारी समय पर दफ्तर नहीं पहुंच रहे हैं। खनिज विभाग, खाद विभाग, कलेक्टर आदिवासी विकास कार्यालय, जिला आबकारी ऑफिस सहित कई दफ्तरों में 10 बजे के बाद भी ताले लगे हुए हैं।  

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