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गुरुवार को भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक ने बिना मांग के ही स्वास्थ्य केंद्रों में दवाएं भेजे जाने का मामला उठाया। श्री कौशिक ने इस मामले को कमीशनखोरी का खेल बताया।

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में गुरुवार को हरिभूमि की खबर सदन में गूंजी। हरिभूमि समाचार पत्र की खबर का जिक्र करते हुए बिल्हा से भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक ने ध्यानाकर्षण कराया। उन्होंने कहा कि, बगैर मांग के CGMSC ने स्वास्थ्य केंद्रों में दवाएं भेजी थीं। 

इस पर स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने जवाब देते हुए कहा कि, मांग के आधार पर ही सभी केंद्रों में दवाओं की आपूर्ति हुई है। इस विषय में जांच भी कराई जा रही है, जो दोषी होगा उस पर कार्रवाई करेंगे। CAG की ऑडिट रिपोर्ट पर मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने कहा- CAG से ऑडिट कराया जाना एक सतत प्रक्रिया है, हमेशा ऑडिट कराई जाती है। इस पर धरमलाल कौशिक ने फिर पूछा- शिकायतों का निराकरण कैसे किया गया। तब मंत्री ने कहा- 25 में से 15 शिकायतों का निपटारा किया गया है। 10 शिकायतें लंबित हैं, जल्द ही उनका भी निराकरण किया जाएगा।

पीडियाट्रिक केयर किट कितनी राशि में खरीदी गई : कौशिक 

इसके बाद फिर से धरमलाल कौशिक ने सवाल करते हुए कहा कि, पीडियाट्रिक केयर किट कितनी राशि में खरीदी गई है। इस पर मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने कहा- कंपनियों के सामान अलग होते हैं इसलिए रेट में एकरूपता नहीं है। स्पेसिफिकेशन, क्वालिटी और गुणदोष के आधार पर रेट में अंतर होता है। 

कौशिक ने लगाया कमीशनखोरी का आरोप 

मंत्री के शय कहने पर कि, स्पेसिफिकेशन, क्वालिटी और गुणदोष के आधार पर रेट में अंतर होता है, धरमलाल कौशिक ने कहा- दवाओं और मशीनों के गुण-दोष में अंतर नहीं है,
कमीशन में अंतर है, इसलिए अलग- अलग खरीदी की गई है।  

मंत्री ने की तीन महीने में जांच की घोषणा

मंत्री ने कहा- रीएजेंट और दवाओं के मामले में जांच की जा रही है। विष्णुदेव साय सरकार बनने के बाद पुरानी खरीदी पर जांच का निर्णय लिया गया है। धरमलाल कौशिक ने पूरे मामले में जांच की मांग की। इस पर मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने तीन माह के भीतर जांच की घोषणा की।

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