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मनेंद्रगढ़ के पूर्व विधायक विजय सिंह का निधन 17 जुलाई को हो गया। छत्तीसगढ़ विधानसभा की कार्यवाही 22 जुलाई से शुरू हुई, लेकिन उस दिन तक विजय सिंह के निधन की सूचना विधानसभा सचिवालय के पास नहीं पहुंची थी।

रायपुर। विधानसभा के मानसून सत्र की कार्यवाही शुरू होते ही शुक्रवार को विधानसभा अध्यक्ष ने पूर्व विधायक विजय सिंह के निधन की सूचना देते हुए श्रद्धांजलि दी।

उल्लेखनीय है कि, विजय सिंह का निधन 17 जुलाई को हुआ था और सदन की बैठक 22 जुलाई से शुरू हुई है। 22 जुलाई को जब दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि दी गई, उस वक्त विजय सिंह के नाम का उल्लेख नहीं हुआ था। इस पर बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने आपत्‍ति की। निधन की सूचना नहीं दिए जाने पर चंद्राकर ने एतराज करते इसे गंभीर प्रशासनिक त्रुटि बताया, साथ ही स्‍पीकर से इसका संज्ञान लेने का आग्रह किया। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास ने भी जिला प्रशासन की तरफ से सदन को समय पर सूचना नहीं दिए जाने की बात कहते हुए एतराज जताया। तब स्‍पीकर डॉ. रमन सिंह ने संसदों और विधायकों के निधन की सूचना समय पर विधानसभा सचिवालय को भेजा जाना सुनिश्चित कराने के निर्देश दिये।

1980 और 1985 में मनेंद्रगढ़ से विधायक रहे विजय सिंह

उल्लेखनीय है कि, विजय सिंह मनेंद्रगढ़ सीट से 1980-1985 में विधायक रहे। वहीं शुक्रवार को सदन में एमपी बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्‍यक्ष प्रभात झा को भी श्रद्धांजलि दी गई। सदन की कार्यवाही शुरू होते स्‍पीकर डॉ. रमन सिंह ने पूर्व विधायक विजय सिंह के निधन का उल्‍लेख किया। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने शोक व्‍यक्‍त करते हुए कहा कि, 1980 और 1985 में स्व. विजय सिंह ने मेरे साथ काम किया है। उप मुख्‍यमंत्री अरुण साव ने कहा कि, विजय सिंह समाज के बहुत ही नीचे पायदान से चलकर विधानसभा तक पहुंचे। पहले पंच बने, फिर सरपंच और उसके बाद जनपद पंचायत के अध्‍यक्ष रहे। उन्होंने गांव, गरीब और किसानों के हित में काम किया है।

चंद्राकर, नेताम और जायसवाल ने भी दी श्रद्धांजलि

वहीं वरिष्ठ भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने स्व. विजय सिंह के साथ एमपी बीजेपी के पूर्व अध्‍यक्ष और सांसद प्रभात झा के निधन का उल्‍लेख किया। मंत्री राम विचार नेताम और श्‍याम बिहारी जायसवाल ने भी श्रद्धांजलि दी। दिवंगतों को श्रद्धांजलि के बाद सदन में दो मिनट का मौन रखा गया।

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