बलौदाबाजार। छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार शहर में 10 जून की हिंसा और आगजनी के बाद धारा 144 लगाई गई थी। जिसे कलेक्टर दीपक सोनी ने बढाकर 20 जून कर दिया है। आगजनी की घटना के बाद जिले में 10 जून से 16 जून तक धारा 144 लगाई गई थी। लेकिन अब यह 20 जून की रात 12 बजे तक यह जिले में प्रभावशील रहेगा।
हिंसा के बाद लगाई है धारा 144
दरसअल, 10 जून को बलौदा बाजार जिला कार्यालय में आगजनी एवं हिंसा में हुए तोड़फोड़ के कारण संयुक्त जिला कार्यालय परिसर में कार्यरत अधिकारियों-कर्मचारियों सहित जिला मुख्यालय बलौदाबाजार के निवासियों में भय का वातावरण उत्पन्न हो गया है। घटना को देखते हुए जिले के असामाजिक तत्वों के द्वारा भय एवं आतंक का वातावरण निर्मित कर जिले में शांति व्यवस्था की स्थिति में बाधा उत्पन्न कर सकते हैं। उपरोक्त कारणों के आधार पर नगरपालिका बलौदाबाजार सीमा क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनाये रखने हेतु तत्काल कार्यवाही करना आवश्यक है. ताकि जिला मुख्यालय बलौदाबाजार के रहवासी भयमुक्त वातावरण में निर्भय होकर निवास कर सके।
5 से अधिक आदमी नहीं कर सकते जिले में प्रवेश
सभी परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी बलौदाबाजार-भाटापारा केएल चौहान ने दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 के अंतर्गत धारा 144 (1) एवं (2) के तहत प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए नगरपालिका बलौदाबाजार सीमा क्षेत्र में आगामी आदेश तक रैली या जुलूस पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा। अन्य जिले अथवा बाहरी व्यक्तियों का 5 या उससे अधिक व्यक्तियों के समूह का नगरपालिका बलौदाबाजार सीमा क्षेत्र में प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। कोई भी व्यक्ति न तो किसी प्रकार का शस्त्र तलवार, फरसा, भाला, लाठी, चाकू, छुरा, कुल्हाड़ी, गुप्ती, त्रिशुल, खुकरी, सांग एवं बल्लम अथवा अन्य अस्त्र-शस्त्र लेकर सार्वजनिक स्थान पर नहीं निकलेगा। अपवाद- जो व्यक्ति शासकीय कर्तव्य पर है, ड्यूटी के दौरान अस्त्र-शस्त्र धारण कर सकेंगे।
बुजुर्ग लेकर चल सकते हैं लाठी
आदेश में आगे लिखा है कि, ऐसे वृद्ध / दिव्यांग जो लाठी के बिना चलने में असमर्थ है, वे लाठी का प्रयोग कर सकेंगे। चूंकि यह संकटकालीन तथा आपातकालीन स्थिति एकाएक उत्पन्न हुई है और किसी पक्ष या व्यक्ति को सुनवाई का अवसर देना संभव नहीं है। यह आदेश सर्व साधारण को संबोधित है एवं प्रत्येक जनसाधारण पर तामिल किया जाना संभव नहीं है। अतः यह आदेश दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 के अंतर्गत धारा 144 (2) के अंतर्गत समयाभाव के कारण सार्वजनिक हित को दृष्टिगत रखते हुए,एकतरफा कार्यवाही कर पारित किया जाता है। उक्त आदेश दिनांक 16.06.2024 को रात्रि 12.00 बजे से दिनांक 20.06.2024 को मध्यरात्रि 12.00 बजे तक नगरपालिका सीमा क्षेत्र बलौदाबाजार में प्रभावशील होगा।
एसपी और कलेक्ट्रेट में लगाई गई थी आग
उल्लेखनीय है कि, 10 जून को प्रदर्शन के दौरान बलौदाबाजार जिला मुख्यालय के कलेक्टोरेट, एसपी बिल्डिंग में आगजनी की घटना में एसपी कार्यालय के ज्यादातर दस्तावेज आग की भेंट चढ़ गए। इसमें 12 साल पुराने रोजनामचा के साथ बदमाशों की क्राइम हिस्ट्री संबंधित दस्तावेज के साथ पुलिस सेटअप के रिकॉर्ड शामिल हैं। बलौदाबाजार पुलिस के मुताबिक आगजनी की घटना में एसपी कार्यालय के ज्यादातर हिस्से में आग लग गई थी। आगजनी की घटना में सबसे ज्यादा नुकसान रिकॉर्ड रूम का हुआ है। रिकार्ड रूम में रखे सात थाना क्षेत्र के साथ चार पुलिस चौकी के रोजनामचा 90 प्रतिशत तक जल गए हैं। पुलिस के अनुसार आगजनी की घटना में एसपी कार्यालय में रखे अपराधियों के सारे रिकॉर्ड आग से जलकर खाक हो गए हैं।
जांच में पता चला... इन दफ्तरों में आग की लपटें
बलौदाबाजार पुलिस के मुताबिक आगजनी की घटना में एसपी कार्यालय के रीडर रूम के साथ डीएसबी, डीआरबी शाखा, स्टेनो रूम तथा ओएम शाखा में रखे दस्तावेज आग से जलकर खाक हो गए। इसके साथ स्टेनो, रीडर रूम में रखे कंप्यूटर जलकर राख हो गए।
बुझाने के दौरान ज्यादातर दस्तावेज खराब
पुलिस के अनुसार, आग की चपेट में आने से जो दस्तावेज जले हैं, उनमें से जितने दस्तावेज आग से जले हैं, उतने ही दस्तावेज आग बुझाने के दौरान पानी से खराब हुए हैं। पुलिस के अनुसार जो दस्तावेज नहीं जले हैं, केवल पानी से भीगे हैं उन दस्तावेजों की छंटनी की जा रही है। छंटनी के बाद जो दस्तावेज खराब नहीं हुए हैं, उन्हें रखा जाएगा। इसके साथ ही जले हुए कम्प्यूटर के हार्ड डिस्क की
पड़ताल की जा रही है।
यहां से रिकवर हो सकते है दस्तावेज
गौरतलब है कि, थानों में जो एफआईआर दर्ज होती है या किसी अन्य तरह से रिकॉर्ड तैयार किए जाते हैं, उसकी एक कॉपी थाना में रखने के साथ एसपी कार्यालय तथा आईजी कार्यालय भेजी जाती है। आग तथा पानी की चपेट में आकर जो दस्तावेज जले तथा खराब हुए हैं, उन दस्तावेज तथा रिकॉर्ड को संबधित थानों से रिकवर करने के साथ आईजी कार्यलय से संपर्क किया जाएगा।