कुश अग्रवाल- बलौदाबाजार। छत्तीसगढ़ के किसी भी गांव में कोटवार शासन के प्रतिनिधि के रूप में उपलब्ध अधिकारियों में से एक महत्वपूर्ण कड़ी होते हैं। मैदानी घटनाक्रम, विभिन्न स्थितियों और परिस्थितियों की जानकारी प्राप्त करने में ग्राम कोटवार महत्वपूर्ण होते हैं। इसके अलावा विधि व्यवस्था बनाए रखने के लिए कोटवारों के विभिन्न कर्तव्य निर्धारित किए गए हैं, तथा कोटवारों की भूमिका विभिन्न विभागों में सूचनाओं के प्राथमिक स्रोत के रूप में रखी गई है। जिसका विस्तार पूर्वक वर्णन पुलिस रेगुलेशन के पैरा में भी किया गया है।
आयोजित की गई ग्राम कोटवारों की बैठक
वर्तमान परिस्थितियों में सामाजिक परिवेश के बदलाव से कानून व्यवस्था के समक्ष नवीन चुनौतियां उपस्थित हुई है। इन चुनौतियों से निपटने के लिए क्षेत्र अंतर्गत प्रभावी सूचना संकलन अनिवार्य है। पुलिस के सांथ थाना स्तर पर सूचना संकलन के लिए ग्राम कोटवार भी उपयोगी सिद्ध हो सकते हैं। इन बातों को ध्यान में रखते हुए तथा आगामी खेती किसानी कार्य और पंचायत चुनाव के दृष्टिकोण से बलौदाबाजार जिले के समस्त थाना एवं चौकी में ग्राम कोटवारों की बैठक आयोजित की गई।
बलौदाबाजार जिले के 347 कोटवारों की बैठक कर उनका प्रशिक्षण किया गया...इन कोटवारों को संगठित अपराध समेत कई चीजों को लेकर ट्रेनिंग दी गई. @BalodaBazarDist @CG_Police #Chhattisgarh pic.twitter.com/8WIArC2Ajw
— Haribhoomi (@Haribhoomi95271) July 22, 2024
इन सभी अपराधों के लिए किया गया निर्देशित
बैठक में वर्तमान परिस्थितियों में नवीन चुनौतियां जैसे चिटफंड कंपनियों द्वारा ग्रामीणों से धोखाधड़ी, पशु तस्करी, साइबर अपराध, ग्राम में सामाजिक तनाव, इंटरनेट सोशल मीडिया पर भ्रामक प्रचार और अफवाह के कारण उत्पन्न कानून व्यवस्था की स्थिति, विभिन्न असमाजिक तत्वों द्वारा शासन विरोधी भावनाओं को भड़काकर छोटे मुद्दों को बड़े मुद्दों के रूप में दुष्प्रचारित करना, क्षेत्र में अवैध शराब एवं मादक पदार्थों के अंवैधानिक कार्यों में लिप्त असामाजिक तत्वों की पहचान करने में पुलिस के साथ कंधे से कंधा मिलाकर, निरंतर एवं त्वरित सूचनाएं पुलिस को देने हेतु निर्देशित किया गया।
फिंगरप्रिंट लेने का दिया गया प्रशिक्षण
कई अवसरों पर या अन्य महत्वपूर्ण कार्यों की वजह से किसी ग्राम में दूसरे राज्यों से आए हुए लोगों, मुसाफिर अथवा घुमंतू प्रजाति के लोगों का समय रहते पुलिस द्वारा फिंगरप्रिंट लेना मुश्किल हो जाता है। इस स्थिति में ग्राम में उपस्थित ग्राम कोटवारों द्वारा ऐसे लोगों का फिंगरप्रिंट लेने का कार्य बहुत ही सहजतापूर्वक एवं समय पर किया जा सकता है, इसके लिए आज बैठक में उपस्थित समस्त ग्राम कोटवारों को फिंगरप्रिंट लेने का भी प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
कोटवारों को थानों के ग्रुप में जोड़ा गया
बैठक में कोटवारों से प्रत्यक्ष रूप से मिलकर उनकी कार्यप्रणाली से अवगत होकर तथा परस्पर सहयोग की भावना से कार्य करने और काम के दौरान आने वाली परेशानियों के निराकरण के संबंध में चर्चा की गई। संबंधित पुलिस थाना/चौकी से जिले के सभी कोटवारों को वाट्सएप ग्रुप के माध्यम से भी जोड़ने के निर्देश दिये गए है। बैठक में अपने अपने प्रभार के ग्राम में होने वाली गतिविधियों पर नजर रखने के संबंध में भी चर्चा कर कोटवारों को अपना कार्य चुस्ती से समय पर करने के निर्देश दिए गए। गांव में होने वाली सभी घटनाओं की जानकारी तत्काल संबंधित पुलिस थाना/चौकी तक पहुंचाने के निर्देश भी दिए गए है।