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बस्तर के चित्रकोट वाटरफॉल में करोड़ों की लागत से एक वर्ष पूर्व लगे लाईटिंग अब तक शुरू नहीं हुई है। रात में लाईटिंग नहीं होने से पर्यटकों को परेशानी हो रही है।

महेंद्र विश्वकर्मा-जगदलपुर। छत्तीसगढ़ का बस्तर अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के लिए फेमस है. यहां के खूबसूरत दृश्य को देखने के लिए दूर- दूर से टूरिस्ट पहुँचते है। लेकिन यहाँ की खूबसूरती पर सिस्टम का अंधेरा छा गया है। इस जलप्रपात को रात में विद्युत यांत्रिकीय विभाग द्वारा पर्यटकों की सुविधा के लिए लाईटिंग शुरू किया गया था। जिससे जलप्रपात रात में तिरंगा दिख रहा था, जो दो सप्ताह में ही खराब हो गया। शासन के निर्देश पर पर्यटन मंडल की ओर से करोड़ों रूपए की लागत से जलप्रपात किनारे लाईट लगाया गया था लेकिन अब तक शुरू नहीं किया गया। 

जलप्रपात को रात में शासन की ओर से विद्युत यांत्रिकीय विभाग द्वारा डेढ़ वर्ष पूर्व पर्यटकों की सुविधा के लिए लाईटिंग शुरू किया गया था, जिससे जलप्रपात रात में तिरंगा दिख रहा था, जो दो सप्ताह में ही खराब हो गया। उसके बाद एक वर्ष पूर्व शासन के निर्देश पर पर्यटन मंडल की ओर से करोड़ों रूपए की लागत से जलप्रपात किनारे लाईट लगाया, अब तक शुरू नहीं किया गया। रात में लाईटिंग नहीं होने से पर्यटकों को परेशानी हो रही है। लेकिन प्रशासन को सुध नहीं पर्यटन मंडल के दण्डामी लग्जरी रिसोर्ट चित्रकोट के प्रबंधक निमेश साहू ने इस संबंध में बताया कि, मंडल की ओर से पर्यटकों की सुविधा के लिए लाईटिंग लगाया गया पर शुरू नहीं किया गया। इसके मुख्यालय को कई बार जानकारी दी गई, पर ध्यान नहीं दिया गया।

chitrkot waterfall
बंद पड़ी लाइटे

चित्रकोट जलप्रपात की विशेषता

चित्रकोट जलप्रपात भारत के छत्तीसगढ़ राज्य के बस्तर जिले में इन्द्रावती नदी पर स्थित एक सुंदर जलप्रपात है, इस जलप्रपात की ऊंचाई 90 फीट है। इस जलप्रपात की विशेषता यह है कि वर्षा के दिनों में यह रक्त लालिमा लिए हुए होता है, तो चांदनी रात में यह दुधिया दिखाई देता है।जिला मुख्यालय से 40 किमी की दूरी पर स्थित यह जलप्रपात छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा, सबसे चौड़ा और सबसे ज्यादा जल की मात्रा प्रवाहित करने वाला जलप्रपात है। यह बस्तर संभाग का सबसे प्रमुख जलप्रपात माना जाता है। जगदलपुर से समीप होने के कारण यह एक प्रमुख पिकनिक स्पाट के रूप में भी प्रसिद्धि प्राप्त कर चुका है। 

भारत का नियाग्रा कहा जाता है 

चित्रकोट जलप्रपात के घोडे की नाल समान मुख के कारण इस जलप्रपात को भारत का नियाग्रा भी कहा जाता है। चित्रकूट जलप्रपात बहुत खूबसूरत हैं और पर्यटकों को बहुत पसंद आता है। वर्षा ऋतु में इन झरनों की खूबसूरती अत्यधिक बढ़ जाती है। अलग-अलग अवसरों पर इस जलप्रपात से कम से कम तीन और अधिकतम सात धाराएं गिरती हैं। पर्यटकों ने बताया कि जलप्रपात किनारे बने लाईटिंग शुरू होने से झरने से गिरते पानी के सौंदर्य को पर्यटक रोशनी के साथ देख पाएंगे।

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