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बस्तर जिले में पीडिया मुठभेड़ के विरोध में आज सर्व आदिवासी समाज ने बंद का आह्वान किया है।

जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में पीडिया मुठभेड़ के विरोध में आज सर्व आदिवासी समाज ने बंद का आह्वान किया है। जगदलपुर, बीजापुर और सुकमा में सुबह से ही दुकानें बंद हैं। यात्री बसों के पहियों के थमने से सड़कों पर सन्नाटा पसर गया है। संभाग के सातों जिलों में केवल इमरजेंसी सेवाएं ही खुले हैं बाकि सब बंद है। चैंबर ऑफ कॉमर्स ने भी बंद का समर्थन किया है।  

बस्तर जिले के सभी व्यापारियों ने बंद को अपना समर्थन दिया है। पुलिस ने दावा किया है कि, पीडिया गांव में हुए मुठभेड़ में 12 नक्सली मारे गए हैं। जबकि, सर्व आदिवासी समाज, सीपीआई, कांग्रेस, सामाजिक कार्यकर्ता और तो और विपक्ष के लोगों ने भी इसे फर्जी बताया है। 

पीडिया एनकाउंटर में आई प्रतिक्रियाएं

सीपीआई नेता ने कहा – पुलिस ने निर्दोषों को मार दिया

सर्व आदिवासी समाज के सदस्य और CPI  नेता पूर्व MLA  मनीष कुंजाम ने कहा है कि, पुलिस ने फर्जी एनकाउंटर में निर्दोष लोगों को भी मारा है। उन्होंने गूंगे-बहरों को नक्सली बताकर मार दिया। मनीष कुंजाम ने कहा कि, वे पीडिया गांव जाकर आए हैं। उन्होंने ग्रामीणों के साथ एक रात गुजारी है। 

मनीष कुंजाम का कहना है कि, ग्रामीण तेंदूपत्ता तोड़ने गए थे। इसी दौरान पुलिस ने फायरिंग शुरू कर दी। कुछ ग्रामीण घर के अंदर चले गए वहीं कुछ जंगल में ही छुपने लगे। पुलिस ने उन्हें मार दिया। 

कवासी लखमा बोले- फर्जी एनकाउंटर में ली ग्रामीणों की जान 

छत्तीसगढ़ के पूर्व कैबिनेट मंत्री और कोंटा (सुकमा) विधानसभा से MLA कवासी लखमा ने भी पीडिया में हुए एनकाउंटर को फर्जी बताया है। उन्होंने कहा कि, पुलिस 12 नक्सलियों को मारने का दावा कर रही है। जबकि हमें जानकारी मिली है कि, वे नक्सली नहीं ग्रामीण थे जो तेंदूपत्ता तोड़ने गए थे। 
कवासी लखमा ने सीएम विष्णुदेव साय पर भी निशाना साधा। वे बोले- जब विष्णुदेव साय सीएम बने थे तो हमें विश्वास था कि, वे आदिवासियों के हित के लिए काम करेंगे। लेकिन प्रदेश में आदिवासी मुख्यमंत्री होने के बाद भी आदिवासी सुरक्षित नहीं हैं। वे फर्जी एनकाउंटर में बेमौत मारे जा रहे हैं। 

वकील बेला भाटिया ने पुलिस पर लगाया बड़ा आरोप 

इसी कड़ी में सामाजिक कार्यकर्ता और वकील बेला भाटिया ने पुलिस पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि, इतावार गांव से 19 और पीडिया गांव से 57 लोगों के पुलिस पकड़ कर ले गई और उन्हें नक्सली बताकर मार डाला। उनमें से दो लोग ऐसे लोग थे जो दूसरे गांव से थे और अपने रिश्तेदार के घर आए थे। वे जब तेंदूपत्ता तोड़ने गए तो पुलिस ने उन्हें मार दिया।

10 मई को हुई थी मुठभेड़ 

दरअसल, पीडिया इलाका नक्सलियों का खास इलाका है। यहां 10 मई को पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। पुलिस ने दावा किया है कि, 12 नक्सलियों को मार गिराया है। वहीं उनके पास से हथियार समेत अन्य सामान भी बरामद किया है। 

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