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आयुर्वेद को लेकर जागरूकता की कमी के चलते बस्तर में आयुष अस्पताल और हेल्थ वेलनेस सेंटर्स में मरीज आते ही नहीं।

महेंद्र विश्वकर्मा- जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में आयुष विभाग के अस्पताल और हेल्थ वेलनेस सेंटर संविदा डॉक्टरों के भरोसे चल रहे हैं। जिले में आयुष विभाग में 73 डॉक्टरों का सेटअप स्वीकृत है। लेकिन वर्तमान में 43 संविदा डॉक्टर, 18 नियमित डॉक्टर पदस्थ हैं और 12 डॉक्टरों के पद रिक्त हैं।

अस्पताल एवं हेल्थ वेलनेस सेंटर में सीमित संसाधन में ही मरीजों का उपचार होता है। जिले के ज्यादातर आयुष अस्पताल बदहाली का दंश झेल रहे हैं। हालांकि प्रचार-प्रसार न होने के कारण लोगों में आयुर्वेद को लेकर जागरुकता का अभाव है। इस कारण इन सेंटरों पर मरीजों की अधिक भीड़ नहीं होती। पूरे दिन में वेलनेस सेंटर में केवल एक्का-दुक्का और जिला आयुष अस्पताल में लगभग 40 मरीज ही पहुंचते हैं। बताया जा रहा है कि, वर्तमान में मानसून के चलते ग्रामीण खेती किसानी में जुटे हैं, जिससे लोग अपना इलाज कराने के लिए वेलनेस सेंटर में नहीं पहुंच रहे हैं। इन सेंटरों पर बकायदा चिकित्सकों की तैनाती होने के साथ-साथ वहां हर्बल गार्डन बनाए जाएंगे। 

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आयुष हेल्थ वेलनेस सेंटर

हर्बल गार्डन का किसी का ध्यान नहीं

जिला आयुष अस्पताल भवन परिसर में हर्बल गार्डन रोपित किया गया, जिसमें से 19 वनौषधि पौधों में से आमलकी, अश्वगंधा, बला, भूम्यामलकी, ब्राह्मी, गुडूची, हरिद्रा, कुमारी, मण्डूक पर्णी, निम्ब, शतावरी, शुण्ठी (उदरख), तुलसी, एरण्ड, निर्गुडी एवं वासा के पौधों का रोपण किया गया है। इस गार्डन से मरीजों को बाहर से खरीद कर औषधि नहीं जाना पड़ेगा, इसी से ही वनौषधि से मरीजों का उपचार कर सकें, पर हर्बल गार्डन का किसी का ध्यान नहीं है।

मुख्यालय को भेज रहे जानकारी

जिला आयुष अधिकारी मोहनीस साहू ने बताया कि, आयुष अस्पताल और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में पदस्थ डॉक्टरों, कर्मचारियों की जानकारी मुख्यालय को भेजा जाता है। इसमें रिक्त पदों को भरने और अस्पतालों पर संसाधनों को बढ़ाने का प्रस्ताव मुख्यालय में भेजा गया है।

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