रायपुर। छत्तीसगढ़ में इस साल सावन महीने की जोरदार बारिश के बाद भी राज्य के एक दर्जन बड़े बांधों में से तीन बांध ऐसे रह गए हैं जो भर नहीं पाए हैं। बाकी के नौ बांधों में 75 से लेकर 100 प्रतिशत तक जलभराव हो चुका है। जिन तीन बांधों में पानी की कमी रह गई है, उनमें अरपा भैंसाझार बिलासपुर, केलो रायगढ़ और कोडार महासमुंद शामिल है। खास बात ये है कि राज्य में खेती किसानी की स्थिति बेहतर है, अब तक सीजन की 95 प्रतिशत बोनी हो चुकी है।
राज्य में इस साल सावन के महीने में जोरदार बारिश हुई है। अब तक औसतन 820 मिमी से अधिक बारिश रिकार्ड हो चुकी है। सावन खत्म होने के बाद भी कई जिलों में अब तक बारिश हो रही है। इस सीजन में सरगुजा संभाग के कुछ के कुछ क्षेत्रों में अन्य के मुकाबले कम बारिश हुई है। सरगुजा में सबसे कम 72 प्रतिशत के आसपास बारिश हुई है। ऐसी ही स्थिति महासमुंद जिले में भी है। इनके अलावा बेमेतरा और दुर्ग जिले में कम बारिश हुई है।
नौ बड़े बांधो में जमकर जलभराव
राज्य के बड़े बांधों में शामिल मिनी माता बांगो कोरबा में इस समय 82 प्रतिशत जलभराव है। इसी तरह रविशंकर सागर धमतरी में 89 प्रतिशत, तांदुला बालोद में 91 प्रतिशत, दुधावा कांकेर में 85 प्रतिशत, सिकासार गरियाबंद में 96 प्रतिशत, खारंग बिलासपुर में 100 प्रतिशत, सोंदूर धमतरी में 74 प्रतिशत, मुरुमसिल्ली धमतरी में 86 प्रतिशत, मनियारी मुंगेली में 100 प्रतिशत जल भराव है।
खरीफ सीजन की बोनी 95 प्रतिशत
चालू खरीफ सीजन में अब तक लक्ष्य का 95 प्रतिशत बोनी पूर्ण हो चुकी है। जबकि इस सीजन में राज्य सरकार द्वारा 48.63 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में विभिन्न फसलों के बोनी का लक्ष्य रखा गया है। अब तक 46.35 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में विभिन्न फसलों की बोनी हो चुकी है। प्रदेश में चालू खरीफ सीजन के लिए किसानों को विभिन्न प्रकार के रासायनिक उर्वरकों का वितरण जारी है। 21 अगस्त 2024 की स्थिति में किसानों को लगभग 12 लाख मीट्रिक टन उर्वरक का वितरण किया जा चुका हैं, जो लक्ष्य का 88 प्रतिशत है। चालू खरीफ सीजन के लिए राज्य में सहकारिता एवं निजी क्षेत्र के माध्यमों से किसानों को 13 लाख 68 हजार मीट्रिक टन खाद वितरण का लक्ष्य निर्धारित है, जिसके विरूद्ध अब तक 15.24 लाख मीट्रिक टन का भण्डारण करा लिया गया है। भण्डारण के विरूद्ध लगभग 12 लाख मीट्रिक टन उर्वरक का वितरण किसानों को किया जा चुका है। किसानों को सुगमता पूर्वक खाद का वितरण सोसायटी और निजी विक्रेताओं द्वारा किया जा रहा है।