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रतनपुर के भीखमा तालाब में ग्रामीणों ने मगरमच्छ के बच्चे को पकड़ा है। जिसके बाद ग्रामीणों में दहशत फ़ैल गई है। ग्रामीणों का कहना है कि, तालाब मे कई बड़े मगरमच्छ हैं। जिससे हम डरे हुए हैं, हमनें इसकी शिकायत वन विभाग को की है।

प्रेम सोमवंशी-कोटा। छत्तीसगढ़ के रतनपुर के भीखमा तालाब में ग्रामीणों ने मगरमच्छ के बच्चे को पकड़ा है। जिसके बाद ग्रामीणों में दहशत फ़ैल गई है। ग्रामीणों का कहना है कि, तालाब मे कई बड़े मगरमच्छ हैं। जिससे हम डरे हुए हैं, हमनें इसकी शिकायत वन विभाग को की है। लेकिन उसके बाद भी वन विभाग इसे लेकर गंभीर नहीं दिखाई दे रहा हैं। यहां पिछले 5 महीने से इस तालाब में मगरमच्छ हैं। एक बार वन विभाग की टीम आई थी लेकिन लेकिन बिना मगरमच्छ निकाले ही लौट गई।लगता है विभाग किसी अप्रिय घटना का इंतजार कर रहा है। इस भीषण गर्मी में हमें पानी के लिए भी इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। वहीं लोगों में वन विभाग के खिलाफ आक्रोश बढ़ रहा है। 

सूरजपुर में मिला कोमोडो ड्रैगन

उल्लेखनीय है कि, एक दिन पहले सूरजपुर जिले के रामनगर गांव की बस्ती में एक किसान बाड़ी में काम कर रहा था तभी उसकी नजऱ कोमोडो ड्रैगन के उपर पड़ी। शुरुआत में तो वह थोड़ा डरा फिर हिम्मत जुटाकर कर एक बोरी की सहायता से पकड़ कर उसे पिंजरे में बंद कर वन विभाग को सौंप दिया। कोमोडो ड्रैगन की लंबाई करीब चार फीट की है। वन विभाग के जानकारों के मुताबिक यह कोमोडो ड्रैगन अभी काफी कम आयु का है। इस प्रजाति के छिपकली काफी बड़े आकार के होते हैं जो वन्य प्राणी हिरन जैसे जानवर को भी निगल लेने की छमता रखते हैं। 

लोग बना रहे फोटो और वीडियो  

बताया जा रहा है कि, कुमदा बस्ती निवासी रामेश्वर सारथी दोपहर अपनी बाड़ी में काम कर रहा था। तभी उसकी नज़र कामोड़ो ड्रेगन के बच्चे पर पड़ी। जिसे देख पहले तो वह भयभीत हो गया। इसके बाद हिम्मत जुटा बोरी के सहारे पकड़ लिया। इसी दौरान कुछ लोगों ने फोटो वीडियो बना लिया खबर मिलते ही भारी संख्या में ग्रामीण उसे देखने पहुंचे। उसे देखने के लिए किसान के घर में लोगों का मजमा लग गया। वन विभाग की टीम ने उसे अपने साथ ले गई और कोमोडो ड्रैगन प्रजाति के बड़ी छिपकली भारत में नही मिलते हैं। इसे इंडियन लिजार्ड, मॉनिटर लिजार्ड या फिर गोहरा प्रजाति के होने का भी अनुमान लगाया जा रहा है।


 

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