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सेंड्रा इलाके के 76 गांव के हजारों ग्रामीण 5 सूत्रीय मांगों को लेकर आज ब्लॉक मुख्यालय पहुंच एसडीएम को ज्ञापन सौंपा।

भोपालपटनम। सेंड्रा इलाके के 76 गांव के हजारों ग्रामीण 5 सूत्रीय मांगों को लेकर आज ब्लॉक मुख्यालय पहुंच एसडीएम को ज्ञापन सौंपा। सेंड्रा इलाके के केरपे, सप्पीमरका, कानलापर्ती, बड़ेकाकलेड, छोटेकाकलेट, पीलूर, एडापल्ली, दुड़ेपल्ली, पुसगुंडी, चेरपल्ली सहित 76 गांव के हजारों ग्रामीण मंगलवार को 80 किमी पैदल चलकर ब्लॉक मुख्यालय में प्रदर्शन करने पहुंचे। 

प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, वनमंत्री, सांसद तथा विधायक के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपा। ग्रामीणों का कहना है कि इढ़ावती टाइगर रिजर्व कोर क्षेत्र में पुरखों से निवासरत आदिवासियों को वहां से उजाड़ कर विस्थापन पुनर्वास करने उप निदेशक इंद्रावती टाइगर रिजर्व बीजापुर द्वारा सूचना प्रकाशित किया गया है। उनका कहना है कि यहां के मूल निवासी के रूप में जल जंगल जमीन पंरपरा बोली भाषा संस्कृति की रक्षा करते हुए पॅन टोटेम व्यवस्था के अंतर्गत खेत खलिहान, महुआ, टोरा, तेन्दूपता, संग्रहण कर जीवनयापन करते है। सेंड्रा इलाके के ग्रामीणों ने विस्थापन पुनर्वास नीति का विरोध किया है। 

 Hundreds of tribal

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कॉर्पोरेट को जमीन देना मंजूर नहीं

इन्द्रावती टाइगर रिजर्व कोर क्षेत्र के 76 गांव का विस्थापन पुनर्वास नहीं किया जाए। पांचवीं छठवीं अनूसूची पेशा कानून का पूर्णतः पालन करते हुए कॉर्पोरेट को जमीन देना बंद किया जाए, जान देंगे पर जमीन नहीं। आदिवासियों को विकास के नाम पर विस्थापन करना बंद करो, जल जंगल जमीन परंपरा पर निर्भर रह कर निवासरत पुरखों ने पर्यावरण को दृष्टिगत रखते हुए बचेली से गढ़चिरौली रेल मार्ग प्रस्ताव रद्द किया जाए। 

90 के दशक में एक माह तक हुआ था विरोध 

विस्थापन के विरोध में 1995-96 में भी सेंड्रा इलाके के हजारों ग्रामीणों में ब्लॉक मुख्यालय में आकर 1 महीने तक विरोध प्रदर्शन किया था। तब विस्थापन की प्रक्रिया थम गई थी. फिर दुबारा पूर्णवास की खबर के बाद ग्रामीण सचेत हो गए है।

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