रायपुर। सूजी के पैकेट में गलत जानकारी देकर ग्राहकों को भ्रमित करने के मामले में निर्माता कंपनी पर 25 लाख और बिक्री करने वाले दुकानदार के खिलाफ 13 हजार रुपए का जुर्माना किया गया है। इसके अलावा आटा में निर्धारित मात्रा से अधिक अल्कोहोलिक एसिडिटी मिलने पर बनाने वाली कंपनी पर 13 लाख तथा दो दुकानदारों पर 25-25 हजार का जुर्माना किया गया है। खाद्य एवं औषधि प्रशासन की टीम ने दोनों मामलों में सालभर पहले कार्यवाही की थी। प्रकरण की विवेचना और जांच सैंपल की रिपोर्ट आने पर रखार मामला गरियाबंद के एडीएम कोर्ट में पेश किया था, जिस पर मंगलवार को फैसला आया है।
जानकारी के अनुसार, ग्राम कौंदेकेरा के एक प्रोविजन स्टोर्स से शिकायत के आधार पर 10 जुलाई 2023 को कमल सूजी का पैकेट सैंपल के रूप में लिया गया था। जांच के दौरान पाया गया कि पैकेट में सूजी से संबंधित जो जानकारी प्रदर्शित की गई है वह मिथ्यापरक है, उसमें लिखे और मौजूद तत्वों में अंतर है। प्रकरण की सुनवाई के बाद उपभोक्ताओं को गलत जानकारी देने के मामले में न्यायालय ने मंगलवार को कमल सूजी के राजनांदगांव की निर्माता कंपनी पर 25 लाख और गांव के दुकानदार पर 15 हजार रुपए का जुर्माना किया है। इसके पहले 20 सितंबर 2023 को गरियाबंद और नवापारा की दुकान से शुभ सखी कंपनी के आटा के सैंपल को जांच के दायरे में लाया गया था। करीब तीन महीने बाद जब आटे की जांच रिपोर्ट आई, तो उसमें अल्कोहोलिक एसिडिटी 0.209 पाई गई, जो निर्धारित मानक से 0.02 अधिक थी। इसकी वजह से पेट खराब होने अथवा बदहजमी जैसी शिकायत होने की आशंका थी। इस मामले में दोनों दुकानदारों पर 25-25 हजार और सखी एग्री फूड प्रोडक्टस ग्राम बरौंडा तिल्दा पर 13 लाख रुपए का जुर्माना किया और दोबारा इस तरह की गलती नहीं करने की चेतावनी भी दी।
दूध सैंपलों की रिपोर्ट का इंतजार
अभियान चलाकर विभिन्न जिलों से खाद्य एवं औषधि प्रशासन की टीम ने दूध और उससे बने प्रोडक्ट के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा था। इस दौरान राजधानी की एक दुकान से पचास किलो मलाई को नष्ट कराया गया था। इन मामलों में कार्यवाही के लिए सैंपल की रिपोर्ट आने का इंतजार किया जा रहा है।
नियम का पालन जरूरी
खाद्य एवं औषधि प्रशासन के सहायक नियंत्रक सर्वेश यादव ने बताया कि, बारिश के मौसम को ध्यान में रखते हुए खाद्य पदार्थों का निर्माण करते वक्त तय मानकों का ध्यान रखना आवश्यक है। इसकी गुणवत्ता वाली सामग्री का इस्तेमाल किया जाए। तेल को बार-बार तलने से उपयोग नहीं करें। इसकी लगातार जांच की जा रही है।