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बीजापुर जिले के रेखापल्ली के जंगलों में हुई मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने तीन नक्सलियों को मार गिराया था। मारे गए तीनों वर्दीधारी नक्सलियों की शिनाख्त हो चुकी है। 

गणेश मिश्रा- बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के रेखापल्ली के जंगलों में हुई मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने तीन नक्सलियों को मार गिराया था। मारे गए तीनों वर्दीधारी नक्सलियों की शिनाख्त हो चुकी है। जिनमें से एक की शिनाख्त आठ लाख के ईनामी पीएलजीए प्लाटून नंबर 10 के कमांडर जोगा माड़वी डीवीसी के रूप में हुई है। वहीं अन्य दो नक्सलियों की पहचान की जा रही है। 

बस्तर आईजी ने दी मामले की जानकारी 

इस मामले को लेकर बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि 8 नवंबर की सुबह 11 बजे रेखापल्ली के जंगल में माओवादियों की पीएलजीए बटालियन और सीआरसी कंपनी ने सुरक्षा बलों पर घात लगाकर हमला बोला था। इलाके में माओवादियों की प्लाटून नंबर 9 के कमांडर विज्जा, उसूर एलओएस कमांडर देवा समेत 30 से 40 सशस्त्र माओवादियों की मौजूदगी की खबर थी और इसी इनपुट पर डीआरजी, एसटीएफ, कोबरा 210, 205, सीआरपीएफ 153 की ज्वाइंट पार्टी को नक्सलियों की घेराबंदी के लिए ऑपरेशन में उतारा गया था। सुबह 11 बजे जवानों से नक्सलियों का आमना-सामना हुआ। नक्सलियों को घेरने के बाद सरेंडर का मौका भी दिया गया, बावजूद नक्सलियों की तरफ से लगातार गोलीबारी की गई, जिसके बाद जवानों ने पोजिशन लेते हुए जबावी कार्रवाई की

नक्सलियों के पास से हथियार बरामद 

उन्होंने आगे बताया कि, मुठभेड़ के बाद घटना स्थल की सर्चिंग में ना सिर्फ तीन वर्दीधारी माओवादियों के शव मौके पर मिले हैं. बल्कि, जगह- जगह खून के धब्बों से दस से ज्यादा माओवादियों के मारे तथा घायल होने की पूरी संभावना भी है। वहीं मृत नक्सलियों के कब्जे से एक एसएलआर, एक स्नाइपर वेपन, 12 बोर राइफल, पिस्टल, दो भरमार समेत विस्फोटक पदार्थ और दैनिक उपयोग के सामान मिले हैं।

नक्सली इस्तेमाल कर रहे हैं स्नाइपर रायफल 

बस्तर आईजी ने आगे कहा कि, बीते कुछ सालों में बस्तर में नक्सलियों के कब्जे से स्नाइपर जैकेट के अलावा स्नाइपर वेपन सुरक्षा बलों के हाथ लगे हैं. वहीं इसी साल टेकुलगुड़म मुठभेड़ में भी नक्सलियों द्वारा स्नाइपर गन का इस्तेमाल कर सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाया गया था. इस सवाल पर कि, नक्सली अपनी गुरिल्ला वार नीति में बदलाव करते स्नाइपर दस्ता तैयार कर रहे हैं? इस पर आईजी का कहना था कि, सालभर के भीतर माओवाद संगठन को तगड़ा नुकसान हुआ है. संभव है कि, नक्सली अब आमने-सामने की लड़ाई लड़ने के बजाए खुद को सेफ करते हुए स्नाइपर, टेलिस्कोप जैसे वेपन के जरिए सॉफट टारगेट को निशाना बनाने की कोशिश कर रहे हो।

सालभर में 246 हथियार और 55 शव बरामद 

बस्तर आईजी सुंदरराज पी के मुताबिक बस्तर में इस समय नक्सलियों के खिलाफ आरपार की जंग जारी है। इसमें सुरक्षा बलों को आशातीत सफलता भी हाथ लगी है। जवानों ना सिर्फ दूरूह इलाकों में घुसकर नक्सलियों को मुंहतोड़ जबाव दे रहे हैं बल्कि कब्जे से हथियार भी छीनकर ला रहे हैं। सालभर में सुरक्षा बलों की ताबड़तोड़ कार्रवाई में 246 हथियार बरामद हो चुके हैं। इनमें एलएमजी, एके 47, एसएलआर, इंसास , कार्बाईन , पिस्टल समेत बीजीएल शामिल है, इसके अलावा मुठभेड़ों में अब तक 55 माओवादियों के शव बरामद किए गए। 421 गिरफतार और 184 माओवादी सरेंडर कर चुके हैं।

वर्ष 2026 तक नक्सलवाद का सफाया तय 

उन्होंने यह दावा करते हुए कहा कि, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की 2026 की डेटलाइन तक बस्तर में नक्सलवाद का सफाया कर दिया जाएगा। इस हेतु इंटरस्टेट कॉर्डिनेशन पर योजनाबद्ध काम भी हो रहा है। बस्तर में नक्सलियों के बचे कुचे ठीकानों पर दबाव बढ़ाने की तैयारी है। रोड, पुल, पुलियों के जरिए पब्लिक तक कनेक्टिविटी बढ़ाने फोर्स ने ताकत झोंक रखी है। जल्द ही बीजापुर-सुकमा के सरहदी अति नक्सलप्रभावित इलाकों में सुरक्षा बलों का कब्जा होगा।

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