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12 फरवरी को भ्रष्टाचार और अराजकता के अलावा कमीशनखोरी का आरोप लगाकर भाजपा पार्षदों ने नगर पालिका अध्यक्ष पुष्पा श्रीवास के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया था।

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के बाद अब कई क्षेत्रों में कांग्रेस प्रत्याशी भ्रष्टाचार के मामले में घिर रहे हैं। इस वजह से ही भ्रष्टाचार का चौतरफा विरोध किया जा रहा है। इसके तहत 12 फरवरी को भ्रष्टाचार और अराजकता के अलावा कमीशनखोरी का आरोप लगाकर भाजपा पार्षदों ने नगर पालिका अध्यक्ष पुष्पा श्रीवास के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया था। 

इसके बाद नगर निगम पालिका में सरकार अल्पमत में आ गई और कुर्सी के लिए बहुमत साबित करने के लिए 20 फरवरी तक का समय नगर पंचायत अध्यक्ष को दिया गया। इसके बाद मंगलवार को तखतपुर नगर पालिका के 15 सदस्यीय पार्षदों ने मतदान किया। मतदान के दौरान नगर पालिका अध्यक्ष पुष्पा श्रीवास के समर्थन में कुल पांच मत पड़े। जबकि, भाजपा के समर्थन में 10 मत पड़े।

अल्पमत में आई कांग्रेस

बता दें कि, साल 2019 में नगरीय निकाय चुनाव के दौरान तखतपुर नगर पालिका का भी चुनाव हुआ। चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के बराबर यानी 7-7 पार्षद जीतकर आए। इसके अलावा निर्दलीय पार्षद वंदना बाला सिंह भी पार्षद बनी। तत्कालीन समय कांग्रेस विधायक के प्रभाव में वंदना सिंह ने कांग्रेस पार्टी का समर्थन किया। कांग्रेस की 8 पार्षदों की बहुमत से सरकार बनी। कांग्रेस पार्षद कैलाश देवांगन वार्ड क्रमांक 10 और सुनील आहूजा वार्ड क्रमांक 14 के ने भाजपा में प्रवेश किया। इसके चलते कांग्रेस पार्टी अल्पमत में आ गई।

नगर पालिका अध्यक्ष पुष्पा श्रीवास को पद से धोना पड़ा हाथ

15 सदस्यीय नगर पालिका में पुष्पा श्रीवास को कुल पांच मत और विपक्षीय भाजपा को 10 मत पड़े। इस तरह नगर पालिका अध्यक्ष पुष्पा श्रीवास को पद से हाथ धोना पड़ा। मतदान के दौरान कांग्रेस संगठन से कोई भी वरिष्ठ नेता मौजूद नहीं नजर आया। हालांकि अब आने वाले समय में नगर निगम नगर पालिका के चुनाव संपन्न होने हैं ऐसे में अब उम्मीद कम ही है कि भाजपा के द्वारा अन्य क्षेत्रों में भी इसी तरह से अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा फिलहाल लोकसभा चुनाव और उसके बाद नगरीय निकाय के चुनाव होने हैं जिसे लेकर अब तैयार या राजनीतिक दलों के द्वारा शुरू कर दी गई है।

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