रायपुर। प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद अब निगम, मंडलों और आयोगों में नियुक्तियों को लेकर कवायद चल रही है। नगरीय निकाय चुनाव की आचार संहिता लगने से पहले पहली सूची जारी करने की तैयारी है। इस सूची में करीब एक दर्जन नाम होंगे। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की दिल्ली के दौरों में राष्ट्रीय नेताओं के साथ पहली सूची पर सहमति बन चुकी है। सभी को सूची का इंतजार है। सूची कभी भी जारी हो सकती है। इधर मप्र में भी निगम, मंडलों और आयोग में नियुक्तियों को लेकर तैयारी चल रही है। मप्र के भाजपा अध्यक्ष बीडी शर्मा एक सूची लेकर दिल्ली गए हैं। संभावना है कि मप्र और छत्तीसगढ़ की सूची आगे-पीछे या फिर एक साथ जारी हो सकती है।
प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद अब तक निगम, मंडल और आयोगों में नियुक्तियां नहीं हो सकी हैं। सरकार बनने के बाद लोकसभा का चुनाव आ गया, इसको लेकर आचार संहिता लग गई। ऐसे में सभी लोकसभा के चुनाव में व्यस्त हो गए। अब लोकसभा का चुनाव निपट चुका है। इसी के साथ प्रदेश सरकार के मंत्रिमंडल को लेकर भी जो कवायद चल रही थी, उस पर फिलहाल विराम लग गया है। मंत्रिमंडल के विस्तार के लिए अभी लंबा इंतजार करना पड़ेगा ऐसा कहा जा रहा है। इस बीच अब यह बात सामने आ रही है कि दर्जनभर निगम, मंडलों में नियुक्ति की तैयारी हो गई है।
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सूची का इंतजार
प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और दोनों डिप्टी सीएम अरुण साव और विजय शर्मा का दो दिनों का दिल्ली दौरा हुआ है। इस दौरे में मुख्यमंत्री श्री साय और दोनों डिप्टी सीएम की केंद्रीय मंत्री अमित शाह के साथ ही अन्य मंत्रियों से तो मुलाकात हुई है, साथ ही राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मुलाकात हुई है। इस मुलाकात में कुछ निगम, मंडलों में नियुक्तियों को लेकर सहमति बनने की बात सामने आ रही है। जब श्री साय और दोनों डिप्टी सीएम दिल्ली से लौटे थे तभी कहा जा रहा था कि सूची जल्द आ जाएगी, लेकिन इसके बाद फिर से सूची अटक गई। कुछ समय पहले तीन दर्जन प्रस्तावित नामों की एक सूची भी वायरल हो चुकी है। हालांकि इस सूची को लेकर भाजपा के पदाधिकारियों ने साफ कहा है कि यह सूची सही नहीं है। लेकिन जानकारों का कहना है कि इसी तरह की प्रस्तावित सूची राष्ट्रीय नेताओं के सामने रखी गई थी जिसमें से एक दर्जन नामों पर सहमति बन चुकी है। अब यह पहली सूची कब जारी होगी, इसका इंतजार सबको है। जानकारों का कहना है, पहली सूची में ज्यादातर नाम संवैधानिक पदों के होंगे, इसी के साथ कुछ अहम निगम और मंडलों में नियुक्ति होगी।