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छत्तीसगढ़ में अपराध बढ़ने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस विधायकों ने मंगलवार को विधानसभा में स्थगन प्रस्ताव लाया। वे इस पर चर्चा की मांग कर रहे थे।

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में मंगलवार को विपक्ष ने प्रदेश में आपराधिक घटनाओं पर स्थगन प्रस्ताव पेश किया। विधानसभा अध्यक्ष द्वारा प्रस्ताव नामंजूर किए जाने पर विपक्षी सदस्यों ने जमकर हंगामा किया। हंगामा इस कदर बढ़ा कि सदन की कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी। 

दरअसल मंगलवार का सदन में कांग्रेस विधायकों उमेश पटेल, कवासी लखमा, विक्रम मंडावी समेत कई विधायकों ने प्रदेश में अपराध की घटनाएं बढ़ने का आरोप लगाया। इसके बाद विपक्ष ने इस मामले में स्थगन प्रस्ताव लाया। विपक्षी सदस्यों ने बढ़ते अपराधों पर चिंता जताई और सदन का काम रोककर स्थगन पर चर्चा कराने की मांग रखी। 

प्रदेशभर में घट रहीं आपराधिक घटनाएं : महंत

नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने इस मसले पर कहा कि, पूरे प्रदेश में अपराध की घटनाएं घटित हो रही हैं। इस विषय पर सदन में चर्चा होना बेहद आवश्यक है। उन्होंने कहा कि, सारे काम रोककर सदन में अपराधों पर चर्चा कराई जाए। विधानसभा अध्यक्ष ने स्थगन प्रस्ताव अग्राह्य कर दिया। स्थगन प्रस्ताव अग्राह्य होते ही सदन में हंगामा शुरू हो गया। 

शोरगुल के बीच कार्यवाही स्थगित

विपक्षी सदस्यों ने स्थगन पर चर्चा कराने की मांग को लेकर हंगामा करना शुरू कर दिया। इस बीच विपक्षी सदस्य सदन में जमकर नारेबाजी करने लगे। सदन में भारी हंगामा और नारेबाजी के चलते सदन की कार्रवाई 5 मिनट के लिए स्थगित करने की घोषणा विधानसभा अध्यक्ष ने कर दी।

कार्यवाही शुरू होते ही फिर हंगामा, गृहमंत्री का मांगा इस्तीफा

पांच मिनट बाद जैसे ही सदन की कार्यवाही फिर शुरू हुई, विपक्षी सदस्य स्थगन पर चर्चा की मांग पर अड़ गए। इस पर स्पीकर डॉ. रमन सिंह ने कहा- इस विषय पर पहले भी सदन में चर्चा हो चुकी है। गोसेवक साधराम हत्याकांड, बैगा जनजाति परिवार के तीन सदस्यों की मौत के विषय में सरकार का जवाब आ चुका है। इस विषय पर फिर से चर्चा नहीं कराई जा सकती। विधानसभा अध्यक्ष के इतना कहते ही सदन में फिर हंगामा शुरू हो गया। विपक्षी विधायकों ने फिर से नारेबाजी शुरू कर दी। विपक्ष के विधायक गृहमंत्री विजय शर्मा का इस्तीफे मांग रहे थे।

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