दामिनी बंजारे - रायपुर। बूढ़ापारा वार्ड में बीस साल पहले आबाद रहने वाले उड़िया पारा की बस्ती अब खत्म हो चुकी है। यहां रहने वाले कई परिवार पलायन कर चुके हैं और कई रहवासियों की मृत्यु हो चुकी है। चौंकाने वाली बात यह है कि दक्षिण विधानसभा के चुनाव के दौरान इनके साथ मोहल्ले में वर्तमान मतदाताओं की संख्या 1059 बताई गई है। रायपुर दक्षिण विधानसभा में उपचुनाव के तहत मंगलवार को मतदान प्रक्रिया पूरी हुई है। यहां से तीन उम्मीदवार चुनाव में अपना भाग्य आजमा रहे हैं। विधानसभा के बूढ़ापारा वार्ड में एक ऐसा भी मोहल्ला है।
देखिए मतदाता सूची
जब कोई रहता ही नहीं तो कैसे बढ़ेगा वोट प्रतिशत
इसी बस्ती में रहने वाले 86 वर्ष के बुजुर्ग बताते हैं कि एक वक्त हुआ करता था, जब यहां लोगों की बड़ी भीड़ नजर आती थी। अब कई सालों से घरों में ताला ही लटका हुआ है, कोई भी पर्व जब होता था, तो हम सब धूमधाम से मिलकर उस पर्व को सेलिब्रेट करते थे। आज पूरे मोहल्ले में सन्नाटा पसरा हुआ है, कई ऐसे लोग हैं जो कई सालों से यहां नजर ही नहीं आए हैं। साथ ही हरिभूमि की टीम के मताधिकार के प्रयोग करने के सवाल पर कहा, जब लोग यहां कभी आते ही नहीं हैं, तो वह वोट डालने भला क्यों आएंगे। हमें तो अब यह लगता है कि हम आखिर कहां रहें, क्योंकि पूरा मोहल्ला खाली नजर आने लगा है।
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व्यवसायीकरण हो रहा
इसी बस्ती में कई साल पहले रहने वाले एक व्यक्ति का कहना है कि पूरा क्षेत्र ही कमर्शियल क्षेत्र के रूप में उभर रहा है। इसके चलते दुकानों की संख्या भी काफी ज्यादा हो चुकी है। अब लोग अपने घरों को बेचकर जा रहे हैं, जहां उनके इन्हीं घरों पर अब बड़े-बड़े कॉम्प्लेक्स का निर्माण किया जा रहा है। आज हम भी उस जगह को बेचकर दूसरी जगह निवास कर रहे हैं। मोहल्ले से दूर रहने वाले कई ऐसे भी लोग हैं, जो अपने मताधिकार के प्रयोग के लिए यहां तक पहुंचाना भी लाजमी नहीं समझते।