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छत्तीसगढ़ की लोक कला की खुशबू को शिक्षकों ने सीसीआरटी प्रशिक्षण के माध्यम से असम में जलवा बिखेरा है। असम में 2 अगस्त लोक कला का प्रस्तुत किया हैं। 

बेमेतरा। छत्तीसगढ़  के बेमेतरा जिले के शिक्षकों ने सीसीआरटी प्रशिक्षण गुवाहाटी असम में 2 अगस्त लोक कला का प्रदर्शन किया गया है। जिसमें छत्तीसगढ़ राज्य की राजकीय गीत अरपा पैरी के धार, पंथी नृत्य, राउत नाचा, सुवा गीत, मोर बिछिया गंवागे व अन्य लोकगीत व संस्कृति को गीत और नृत्य के माध्यम से बेमेतरा जिले से भूपेन्द्र कुमार साहू शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला बिलई, राजेन्द्र कुमार साहू शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक स्कूल बेरला बेमेतरा और धमतरी जिले से सुरेश कुमार साहू, चन्द्रकिरण देवांगन, सोनाली सोनी, जयप्रकाश देवांगन ने प्रस्तुत किया गया हैं। 

प्रतिभागी शिक्षक भूपेन्द्र साहू ने कहा कि, सांस्कृतिक योग्यता प्रशिक्षण एक संरचित शिक्षा कार्यक्रम है। जिसे किसी व्यक्ति की विविध संस्कृतियों के प्रति समझ और संवेदनशीलता को बेहतर बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य शिक्षार्थियों को विविध सांस्कृतिक पृष्ठभूमि के लोगों के साथ सहानुभूतिपूर्ण और सम्मानजनक तरीके से बातचीत करने का ज्ञान देना है।

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 कला एवं संस्कृति को निखारने में मिलती है मदद 

सीसीआरटी का यह प्रशिक्षण कार्यक्रम भारतीय कला और संस्कृति में निहित दर्शन, सौंदर्यशास्त्र और सौन्दर्य की समझ और प्रशंसा प्रदान करते हैं। पाठ्यक्रम शिक्षण में सांस्कृतिक घटक को शामिल करने के लिए कार्यप्रणाली तैयार करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं। इन सांस्कृतिक प्रस्तुतियां से हम एक दूसरे राज्य की कला एवं संस्कृति से लोकगीत से परिचय प्राप्त करते हैं इसके साथ ही उसे राज्य की कला एवं संस्कृति का भी ज्ञान होता है इस प्रशिक्षण में एक दूसरे राज्य की कला एवं संस्कृति को सीखते भी हैं। इस तरह से यह प्रशिक्षण कला एवं संस्कृति को निखारने में भी मदद प्रदान करता है साथ ही साथ कला को शिक्षा से जोड़ने का भी काम करता है।  

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