कुश अग्रवाल- बलौदाबाजार। छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले के श्री सीमेंट फैक्ट्री के एएफआर से फैली जहरीली गैस ने जनजीवन को संकट में डाल दिया है। जहरीली गैस की चपेट में आए खपराडीह गांव के सरकारी स्कूल के 38 से अधिक बच्चे में से 18 की तबीयत बेहद गंभीर है। वहीं गांव में मेडिकल कैंप लगा दिया गया है। जिसमें 8 डॉक्टरों की टीम लगाई गई है। बता दें कि बच्चों के अलावा गांव के 50 से अधिक नए मरीज मिले हैं।
बलौदाबाजार में जहरीली गैस रिसाव के बाद मेडिकल की टीम गांव पहुंची है इस दौरान 50 से अधिक नए मरीज मिले हैं। गैस रिसाव के बाद से ही गांव में दहशत का माहौल है. @BalodaBazarDist #Chhattisgarh #MedicalDoctors pic.twitter.com/bvVT6Hk6xo
— Haribhoomi (@Haribhoomi95271) January 23, 2025
इस घटना में 5 को बेहद गंभीर अवस्था में जिला अस्पताल और रायपुर में भर्ती कराया गया है। इस घटना ने औद्योगिक क्षेत्रों में सुरक्षा प्रबंधन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह घटना भोपाल गैस त्रासदी की याद ताजा कर दी। क्योंकि इस घटना के बाद भी कंपनी प्रबंधन बच्चों का ख्याल लेने अस्पताल तक नहीं पहुंचा। मामले में एक्शन लेने के बजाय एसडीएम सिमगा और एसपी को पूरे मामले में हड़ताल पर बैठे प्रदर्शनकारी ग्रामीणों के साथ समझौता कराते नजर आए। अब हालात यह हैं की जिस स्कूल के बच्चे बेहोश हुए थे, उस स्कूल को शिफ्ट किया जा रहा है। वहीं संयंत्र प्रबंधन की तरफ से बात करने के लिए कोई सामने नहीं आ रहा है। इससे यह पता चलता है कि प्रबंधन जो है अपनी मनमानी पर अभी भी अड़ा हुआ है।

38 बच्चों की तबीयत बिगड़ी
खपराडीह गांव में बुधवार को श्री सीमेंट फैक्ट्री से लीक हुई जहरीली गैस ने लोगों को दहशत में डाल दिया। सुबह करीब 11 बजे स्कूल में बच्चे पढ़ाई कर रहे थे, तभी अचानक उन्होंने आंखों में जलन, सांस लेने में तकलीफ, चक्कर और उल्टी की शिकायतें शुरू हो गई। देखते ही देखते अफरातफरी मच गई क्योंकि बच्चों की हालत बिगड़ने लगी और वे बेहोश होकर गिरने लगे। स्कूल के शिक्षकों ने बच्चों को आनन-फानन में बाहर निकाला और प्राथमिक उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सुहेला पहुंचाया। साथ ही प्रशासन को घटना की जानकारी दी गई। बताया जा रहा है कि जहरीली गैस की वजह से स्कूल में पढ़ने वाले 178 बच्चों में से 38 बच्चों की तबीयत बिगड़ी।
जहरीली गैस का हुआ था रिसाव
इनमें से त्रिती चक्रधारी, अमरीका ध्रुव को पहले और दीपिका साहू की हालत बिगड़ने पर देर रात उन्हें जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया, जहां उनकी स्थिति गंभीर बनी हुई है। ग्रामीणों का कहना है कि, गैस का असर सिर्फ स्कूल तक ही नहीं रहा, बल्कि आसपास के घरों में भी लोगों को परेशानी हुई। गांव में यह पहली घटना नहीं है, इससे पहले 10 जनवरी और 18 जनवरी को भी इसी तरह से गैस फैलने से बच्चों को अस्पताल ले जाया गया था। लेकिन इस बार मामला बड़ा हो गया।

फैक्ट्री प्रशासन पर लापरवाही का आरोप
खपराडीह गांव के 3 किलोमीटर पहले से ही हवा में जहरीली गैस की स्मेल अभी भी आ रही थी। जिससे आप समझ सकते हैं कि ग्रामीण यहां पर कैसे अपना जीवन यापन कर रहे हैं। गांववालों ने फैक्ट्री प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि यह घटना तब हुई जब फैक्ट्री के अल्टरनेटिव फ्यूल्स एंड रॉ मटेरियल (एएफआर) में वेस्ट मटीरियल जलाया जा रहा था। कई बार शिकायत करने के बावजूद फैक्ट्री ने सुरक्षा मानकों की अनदेखी की। इस घटना ने एक बार फिर औद्योगिक गतिविधियों के बीच बसे गांवों की असुरक्षित स्थिति को उजागर कर दिया है।