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खुले बाजार के सीमेंट की कीमत में इजाफा किया गया, वहीं सरकारी काम में आने वाले नान ट्रेड सीमेंट की कीमत भी 50 रुपए बढ़ा दी गई। 

रायपुर। प्रदेश की सीमेंट कंपनियों ने सीमेंट की कीमत अचानक 50 रुपए बढ़ाने के बाद अब चौरतरफ दबाव और सियासी उबाल के बाद खुले बाजार में बिकने वाले सीमेंट की कीमत 35 रुपए तक कम कर दी गई है, लेकिन सरकारी कामों में लगने वाले नान ट्रेड सीमेंट की कीमत में फूटी कौड़ी की कमी नहीं की गई है। सरकारी संस्था बिल्डर एसोसिएशन ऑफ इंडिया के रायपुर सेंट्रल के अध्यक्ष रूपेश कुमार सिंघल का कहना है, नान ट्रेड सीमेंट की कीमत बढ़ने से प्रदेश के साथ देश भर की सरकारी योजनाओं पर इसका असर पड़ेगा और सरकारी योजनाओं में लागत बढ़ जाएगी। यही बात सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने भी अपने पत्र में केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को लिखे पत्र में कही है। 

प्रदेश की सीमेंट कंपनियों ने प्रदेश में डिमांड न होने के बाद भी पश्चिम बंगाल, उप्र और बिहार सहित कुछ राज्यों की डिमांड को देखते हुए सीमेंट के दाम 50 रुपए बढ़ा दिए। जहां खुले बाजार के सीमेंट की कीमत में इजाफा किया गया, वहीं सरकारी काम में आने वाले नान ट्रेड सीमेंट की कीमत भी 50 रुपए बढ़ा दी गई। इस मामले में रायपुर के सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को भी पत्र लिखा। इधर कांग्रेस ने प्रदेश में 12 सितंबर को आंदोलन करने का ऐलान किया है। चौतरफा विरोध के बाद सीमेंट कंपनियों ने 25 से 35 रुपए कीमत कम कर दी है। अब यह बात सामने आ रही है कि कीमत महज खुले बाजार में बिकने वाले सीमेंट की कम की गई है।

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चिल्हर में कीमत 340 रुपए तक

खुले बाजार में थोक में भले सीमेंट की कीमत 310 रुपए तक है, लेकिन चिल्हर में यह 340 रुपए तक बिक रहा है। लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि ज्यादातर बिल्डिंग मटेरियल का काम करने वाले कारोबारी खाली बैठे हैं, क्योंकि डिमांड ही नहीं है। इस समय सभी निजी कामों के साथ सरकारी काम भी बंद हैं। सबसे महंगा सीमेंट इस समय अल्ट्राटेक है। यह थोक में 310 रुपए है लेकिन यह चिल्हर में 330 से 340 रुपए में बिक रहा है। अन्य कंपनियों के सीमेंट की कीमत 265 से 290 तक है, लेकिन ये चिल्हर में 300 से 320 रुपए तक बिक रहे हैं। दूरी के हिसाब से भाड़ा ज्यादा लगने पर कीमत और ज्यादा हो जाती है।

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नान ट्रेड की कीमत हो कम

सरकारी कामों में लगने वाले सीमेंट को नान ट्रेड कहा जाता है। इसकी कीमत पहले 210 रुपए थी इसको 260 रुपए कर दिया गया है। लेकिन इसकी कीमत में एक पैसे की कमी नहीं की गई है। बिल्डर एसोसिएशन ऑफ इंडिया के रायपुर सेंट्रल के अध्यक्ष रूपेश कुमार सिंघल का कहना है, सीमेंट कंपनियों की मनमर्जी के कारण छत्तीसगढ़ के साथ ही देश के हर राज्य में चल रही सरकारी योजनाओं की लागत बढ़ जाएगी। छत्तीसगढ़ से सीमेंट देश के कई राज्यों में जाता है। ऐसे में सबसे अहम यह है कि नान ट्रेड सीमेंट की कीमत कम होना चाहिए। इसको लेकर प्रदेश सरकार के साथ ही केंद्र सरकार को भी पहल करते हुए सीमेंट कंपनियों पर कीमत को लेकर अंकुश लगाने का काम करना चाहिए। कंपनियां कभी भी कीमत बढ़ा देती है जिसके कारण योजनाओं पर बड़ा असर पड़ता है।

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