रायपुर। युवाओं को नशे की गर्त में ढकेलने वाले लोगों के खिलाफ पुलिस ने सख्ती बरतनी शुरू कर दी है। मादक पदार्थों की अवैध खरीद-बिक्री पर अंकुश लगाने एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स के आईजी अजय यादव के नेतृत्व में एंटी नारकोटिक्स टॉस्क फोर्स का गठन किया गया है। एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स ने मुंबई स्थित नारकोटिक्स सेल में सफेमा के तहत पांच करोड़ 56 लाख की पांच संपत्ति अटैच करने पांच प्रकरण तैयार कर भेजा, जिस पर नारकोटिक्स ने कार्रवाई करने अपनी सहमति प्रदान की है।
एंटी नारकोटिक्स टॉस्क फोर्स के आईजी ने बुधवार को सभी जिलों के एंटी नारकोटिक्स टॉस्क फोर्स के नोडल अफसरों की वर्चुअल बैठक आयोजित की। बैठक में आईजी ने बैठक में बताया कि वर्ष 2024 में राज्य के अलग-अलग जिलों में कुल एक हजार 329 प्रकरण दर्ज कर दो हजार 149 लोगों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है। कार्रवाई में 24 हजार 631 किलो गांजा जब्ती करने के साथ ही 335 ग्राम ब्राउन शुगर, एक किलो 360 ग्राम अफीम तथा 49 करोड़ 37 लाख रुपए नशीली दवाइयां जब्त की गई।
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पहली बार सफेमा के साथ पीट एनडीपीएस
आईजी अजय यादव के अनुसार, राज्य बनने के बाद पहली बार नशे के सौदागरों की संपत्ति अटैच करने के साथ पीट एनडीपीएस की कार्रवाई की है। पीट एनडीपीएस की कार्रवाई रासुका की तरह है। पीट एनडीपीएस के तहत एंटी नारकोटिक्स सेल ने 196 प्रकरण तैयार कर कोर्ट में पेश किया, जिनमें से अब तक 83 तस्करों के खिलाफ पीट एनडीपीएस की कार्रवाई कर जेल दाखिल किया गया है। चालू वर्ष में एंटी नारकोटिक्स सेल ने फरवरी माह तक एनडीपीएस के 192 प्रकरण में 340 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। बैठक में एआईजी सीआईडी पूजा अग्रवाल एवं सभी जिलों के एएनटीएफ के नोडल अधिकारी उपस्थित रहे