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आज ईओडब्लू ने पीएससी चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी, सैकेट्री धुरव के साथ ही कई कांग्रेस नेताओं के खिलाफ FIR दर्ज किया गया है। जिसमें उनके रिश्तेदार और कई अफसरों के बेटे-बेटी सलेक्ट हो गए थे।

रायपुर। छत्तीसगढ़ के चुनाव में पीएससी घोटाले ने बड़ी भूमिका निभाई है। यहां तक इसको लेकर बाकायदा पीएम मोदी ने भी तब की कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा था। यहां तक कि, सीएम विष्णुदेव साय सरकार बनने के कुछ दिन बाद ही सीबीआई जांच का ऐलान कर दिया था। लेकिन बुधवार को ईओडब्लू ने पीएससी चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी, सिकरेट्री धु्रव के साथ ही कई कांग्रेस नेताओं के खिलाफ FIR दर्ज कर लिया है। सीजीपीएससी में चेयरमैन के नाते-रिश्तेदार समेत कई अफसरों के बेटे-बेटी सलेक्ट हो गए थे। डिप्टी कलेक्टर बनने वालों में कुछ कांग्रेस नेताओं के रिश्तेदार भी शामिल थे।

उल्लेखनीय है कि, विधानसभा चुनाव 2023 में यह बड़ा मुद्दा बना था, स्वयं पीएम मोदी समेत कई बीजेपी के दिग्गज नेताओं ने इसका जिक्र किया था। इस घोटाले से उस समय की सत्ताधारी पार्टी पर बड़ा प्रभाव पड़ा और युवाओं का वोट बीजेपी की तरफ पलट गया। अब सवाल यह है कि, सरकार पर सीबीआई जांच का प्रेशर था और इसकी घोषणा भी की गई तो फिर ईओडब्लू में एफआईआर क्यों दर्ज कराया गया। एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने बताया कि, सीबीआई जांच का यह प्रॉसिजर है। राज्य सरकार अगर किसी मामले को सीबीआई को देने का फैसला करती है तो पहले उस राज्य में उसका एफआईआर दर्ज होना चाहिए। इसीलिए, ईओडब्लू में अपराध दर्ज कराया गया है।

जल्द ही सीबीआई करेगी पूछताछ 

ईओडब्लू से सीबीआई को अब केस अपने हाथ में लेने सहूलियत होगी। सीबीआई अब केस अपने हाथ में लेकर फिर अपने यहां केस रजिस्टर्ड करेगी। इसके बाद जांच अधिकारी नियुक्त होगा। फिर सीबीआई की टीम पहुंचेगी रायपुर और फिर इस स्कैम से जुड़े लोगों से पूछताछ शुरू होगी। हो सकता है, पुख्ता सुराग मिलने पर कुछ अफसरों को हिरासत में भी सीबीआई ले ले। बता दें, पीएससी का मामला हाई कोर्ट में भी पहुंचा है। इस घोटाले की केस स्टडी देख चीफ जस्टिस रमेश सिनहा बेहद नाराज हुए थे। उन्होंने अफसरों की ज्वाइनिंग पर रोक लगा दी थी।

राज्‍य सरकार ने जारी किया बयान 

राज्‍य सरकार की तरफ से जारी एक लिखित आदेश में कहा गया है कि, छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी के अनुरूप छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं में अनियमितता और भ्रष्टाचार की जांच सीबीआई से कराएगी। इस प्रकरण की जांच केन्द्रीय जांच एजेंसी सीबीआई से कराये जाने के राज्य सरकार के निर्णय के परिपालन में आर्थिक अपराध अन्वेषण द्वारा लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी सहित अन्य अधिकारियों के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध कर लिया गया है।

2021 में 170 पदों के लिए निकली थी भर्ती 

गौरतलब है कि, राज्य शासन द्वारा केन्द्रीय जांच एजेंसी सीबीआई से जांच कराये जाने का निर्णय लिया गया था, जिसके परिपालन में गृह (पुलिस) विभाग द्वारा महानिदेशक राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो एवं एन्टी करप्शन ब्यूरो रायपुर को अवगत कराया गया है कि छत्तीसगढ़ राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित प्रतियोगी परीक्षा वर्ष 2021 जो 170 पदों के लिए ली गई थी और जिसके परिणाम 11 मई 2021 को जारी किए जाने के पश्चात् राज्य लोकसेवा आयोग पर अनियमितता एवं भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए ननकीराम कंवर और अन्य माध्यमों से शिकायतें प्राप्त हुई थी।

तत्कालीन अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी के खिलाफ FIR दर्ज 

शिकायती पत्र के आधार पर प्रथम दृष्टया यह पाया गया कि छत्तीसगढ़ लोकसेवा आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी, तत्कालीन सचिव जीवन किशोर ध्रुव, तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक और शासन तथा आयोग में तत्समय पदस्थ संलिप्त लोकसेवकगण और संबंधित राजनेतागण एवं अन्य के द्वारा अपने-अपने पद का दुरुपयोग करते हुए तथा राजनैतिक प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए छत्तीसगढ़ लोकसेवा आयोग की चयन प्रक्रिया वर्ष 2020 एवं 2021 तथा असिस्टेंट प्रोफेसर चयन परीक्षा में नियम विरूद्ध तरीके से आपराधिक षड़यंत्र करते हुये अपने पुत्र, पुत्री व रिश्तेदारों को कई पात्र योग्य अभ्यार्थियों के बदले इनका चयन शासकीय पदों पर करते हुए शासन एवं उन योग्य अभ्यार्थियों के साथ भ्रष्ट आचरण करते हुये छल कारित किया गया है, जो कि, धारा 120 बी, 420, भादवि एवं धारा 7, 7 (क), एवं 12 भ्र.नि.अ. 1998 यथा संशो. 2018 के तहत अपराध कारित किया जाना पाया गया है, अतः अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है।

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