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बलरामपुर में छात्रावास से चार स्कूली बच्चों बिना सूचना दिए भाग गए। बच्चों के परिजनों से संपर्क कर समझाइश दी और सभी बच्चों को सकुशल छात्रावास वापस लाया।  

घनश्याम सोनी- बलरामपुर। छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में चंद्रनगर प्री मैट्रिक बालक छात्रावास से चार स्कूली बच्चे भाग निकले। अचानक बिना सूचना दिए उनके लापता हो जाने से हासटल में हड़कंप मच गया। इस घटना ने आदिवासी विकास विभाग को हिला कर रख दिया। अधिकारियों ने बच्चों के परिजनों से संपर्क कर समझाइश दी और सभी बच्चों को सकुशल छात्रावास वापस लाया।  

घटना चंद्रनगर प्री मैट्रिक बालक छात्रावास की है, जहां अधीक्षक के खराब बर्ताव से नाराज बच्चे बिना किसी जानकारी दिए अपने सामान के साथ छात्रावास से भाग निकले। सूचना मिलने पर आदिवासी विकास विभाग के उच्च अधिकारी तुरंत सक्रिय हुए। उन्होंने बच्चों के परिजनों से मिलकर बातचीत की और समस्या को सुलझाने का प्रयास किया।  

छात्रावास अधीक्षक की लापरवाही सवालों के घेरे में

मामले के बाद आदिवासी विकास विभाग की सहायक आयुक्त समीक्षा जायसवाल ने तत्काल छात्रावास का दौरा किया। उन्होंने अधीक्षक को फटकार लगाते हुए सख्त निर्देश दिए कि भविष्य में इस प्रकार की कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। साथ ही बच्चों और उनके परिजनों को आश्वासन दिया कि बच्चों के साथ किसी भी तरह का अनुचित व्यवहार नहीं होगा।  

अधीक्षक को दिया सख्त निर्देश

सहायक आयुक्त समीक्षा जायसवाल ने कहा, जैसे ही हमें बच्चों के भागने की जानकारी मिली, तत्काल कार्रवाई की गई। बच्चों के परिजनों से मुलाकात कर उनकी चिंताओं को दूर किया गया। अधीक्षक को भी सख्त निर्देश दिए गए हैं कि बच्चों के साथ सही व्यवहार सुनिश्चित हो। सभी बच्चे अब सकुशल छात्रावास लौट आए हैं।  

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विभागीय व्यवस्थाओं में खामियों को दर्शा रहे 

यह घटना विभागीय व्यवस्थाओं में खामियों को उजागर करती है और यह स्पष्ट करती है कि बच्चों की शिकायतों को गंभीरता से नहीं लिया गया। भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों को जवाबदेह बनाना आवश्यक है। छात्रावास से बच्चों का भाग जाना एक गंभीर मामला है, जो बच्चों की मानसिक स्थिति और व्यवस्थागत खामियों को दर्शाता है। विभाग को इस घटना से सबक लेकर व्यवस्था को सुधारने की जरूरत है, ताकि बच्चों का विश्वास बहाल हो सके।

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