रायपुर। पं. रविशंकर शुक्ल विवि में पहली बार किसी पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए परीक्षाएं नेशनल टेस्टिंग एजेंसी आयोजित करेगी। रविवि में शैक्षणिक सत्र 2024-25 से चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड शुरू किए जा रहे हैं। बीए-बीएड, बीएससी-बीएड और बीकॉम-बीएड की पढ़ाई यहां होगी। परंपरागत बीएड में छात्रों को बारहवीं की पढ़ाई के बाद तीन सालों की स्नातक डिग्री लेनी होती है। इसके बाद वे बीएड कर सकते हैं। इंटीग्रेटेड बीएड में छात्र सीधे 12वीं के बाद प्रवेश ले सकेंगे।
रविवि को एनसीटीई की 399वीं वेस्टर्न रीजनल कमेटी बैठक में इसकी अनुमति बीते दिनों प्रदान की गई है। इसके बाद से कोर्स संबंधित नियम बनाए जा रहे हैं। प्रत्येक पाठ्यक्रम में 50 सीट आवंटित की गई है। इस कोर्स के अलावा रविवि अध्ययन शाला में संचालित अन्य पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश परीक्षाएं रविवि ही आयोजित करेगा। दाखिले के लिए पूर्व वर्षों में अपनाई जाने वाली व्यवस्था इस वर्ष भी लागू रहने की संभावना है।
चुने गए विषय भी
बारहवीं के बाद इंटीग्रेटेड बीएड में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थी बीएड विषयों के साथ उन विषयों का भी अध्ययन करेंगे, जिनका चयन उन्होंने बारहवीं कक्षा में किया है। जैसे यदि किसी छात्र ने 11वीं-12वीं की पढ़ाई वाणिज्य संकाय से की है तो उसे बीकॉम- बीएड में प्रवेश मिलेगा। छात्र कॉमर्स के विषय और बीएड के विषय साथ ही पढ़ेंगे। यही व्यवस्था कला और विज्ञान संकाय में भी लागू होगी। बीए-बीएड, बीएससी- बीएड एवं बीकॉम बीएड प्रारंभ करने वाला मध्य भारत का रविवि इकलौता विश्वविद्यालय होगा।
व्यापम ने शुरू किए आवेदन
प्रदेश के बीएड और डीएलड पाठ्यक्रम में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षाएं अब तक व्यापम आयोजित कराता रहा है। लेकिन रविवि में प्रारंभ हो रहे इन पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए व्यावसायिक परीक्षा मंडल द्वारा आयोजित प्रवेश परीक्षाएं मान्य नहीं रहेंगी। पहली बार ऐसा होगा, जब प्रदेश में व्यापम की प्रवेश परीक्षाओं के आधार पर बीएड-डीएलएड में दाखिले ना होकर अन्य माध्यमों से एडमिशन होंगे। रविवि यूटीडी के इतर अन्य महाविद्यालयों में जहां परंपरागत बीएड-डीएलएड का संचालन हो रहा है, वहां व्यापम की प्रवेश परीक्षाओं के जरिए ही एडमिशन होंगे। व्यापम ने इसके लिए आवेदन भी शुरू कर दिए हैं। 24 मार्च तक इसके लिए आवेदन किए जा सकेंगे। आवेदन प्रक्रिया 23 फरवरी से प्रारंभ हुई है।