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राजधानी के प्रतिष्ठित महाविद्यालय साइंस कॉलेज में रहस्यमयी ढंग से लाखों की किताबें गायब हो गई हैं। रसायन शास्त्र विभाग की ये किताबें बीते कई महीने से गुम हो चुकी हैं।

रुचि वर्मा- रायपुर। राजधानी के सबसे प्रतिष्ठित महाविद्यालय साइंस कॉलेज में रहस्यमयी ढंग से लाखों की किताबें गायब हो गई हैं। रसायन शास्त्र विभाग की ये किताबें बीते कई महीने से गुम हो चुकी हैं, लेकिन अब तक यह ही पता नहीं चल पाया है कि ये किताबें आखिर कहां गई हैं। रिपोर्ट में उस प्राध्यापक पर दोष मढ़ दिया गया है, जिनके पास कभी लाइब्रेरी का प्रभार रहा ही नहीं।

महीनों की मशक्कत के बाद भी अब तक यह पता  नहीं चल सका है कि आखिर ये किताबें किसके पास है? साइंस कॉलेज में प्राध्यापक रह चुके रसायन शास्त्र के विशेषज्ञ स्व. मूंधड़ा ने साइंस कॉलेज के रसायन शास्त्र विभाग को बहुमूल्य किताबें दान में दी थीं। अब ये सारी किताबें रहस्यमयी तरीके से महाविद्यालय से गायब हो चुकी है। 33 किताबें उनके द्वारा दशक पूर्व दान में दी गई। सूत्रों के अनुसार, इनमें से कई किताबों की कीमतें 5 से 8 हजार रुपए तक है। सभी किताबों का अनुमानित मूल्य दो लाख के करीब है। इनमें से कई किताबें विदेशी लेखकों की भी थीं, जो अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रचलित हैं। 

यह है रिपोर्ट में

कुछ माह पूर्व यह मामला सामने आया था। तत्कालीन प्राचार्य ने कमेटी बैठायी थी। रसायनशास्त्र विभाग की एक महिला प्राध्यापक को आरोपी मानते हुए कमेटी ने कहा है कि रसायन शास्त्र विभाग की किताबों का प्रभार उक्त महिला प्राध्यापक के पास था, जबकि अधिकारिक तौर पर इसका आदेश जारी ही नहीं हुआ था। इसके बावजूद कमेटी ने कहा है कि उनके द्वारा ही किताबें छात्रों को उपलब्ध कराई जाती रही हैं। गौरतलब है कि महाविद्यालय में सामूहिक लाइब्रेरी के अलावा विभाग की भी लाइब्रेरी होती है। यहां से भी छात्रों को किताबें ईश्यू कराई जाती हैं।  

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ऐसे सामने आया मामला

रसायनशास्त्र के प्राध्यापक रह चुके डॉ. जीएल मूंधड़ा ने साइंस कॉलेज के साथ ही रविवि अध्ययनशाला में भी अपनी सेवाएं दी थी। कुछ वर्ष पूर्व उनकी मृत्यु हो गई। उनकी बरसी पर उनके पुत्र मनीष मूंधड़ा ने पिता द्वारा दान की गई किताबों के लिए अलमारी दान करने का निर्णय किया। इसके लिए जब महाविद्यालय प्रबंधन से संपर्क किया गया तो किताबें उपलब्ध ना होने की बात सामने आई। इसके बाद डॉ. ग्रंथड़ा के बेटे ने प्रबंधन से गुहार लगाई और पूर्व प्राचार्य डॉ चौबे द्वारा कमेटी बैठायी गई। जब बेटे ने अपने पिता द्वारा दान की गई किताबों के बारे में जानकारी मांगी तो उससे ही पूछ लिया गया कि दान की कोई पावती उनके पास मौजूद है अथवा नहीं? इससे आहत बेटे ने प्रबंधन से न्याय की मांग की है। अंदरुनी सूत्रों के अनुसार, मामला उच्च शिक्षा विभाग तक चला गया है। साइंस कॉलेज प्रबंधन को तलब करने की तैयारी है। 

फाइल मंगवाई है

साइंस कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एके मिश्रा ने बताया कि, पूर्व प्राचार्य द्वारा जांच कमेटी बैठाई गई थी। मैंने फाइल मंगवाई है। नियमानुसार जो भी कार्रवाई संगत होगी, करेंगे। 

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