संदीप करिहार- बिलासपुर। छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर में देश के सबसे बड़े स्थायी छठघाट में आस्था के महापर्व छठ की पूजा बड़े ही हर्षोल्लास और धूमधाम से की जा रही है। बिलासपुर के अरपा नदी के तट पर छठ महापर्व पिछले ढाई दशकों से मनाया जा रहा है। बिलासपुर में लंबे स्थायी छठघाट होने के कारण छठपर्व की ख्याति एशिया के सबसे बड़े स्तर पर मशहूर हो चुका है। इस साल छठी मैया की पूजा करने के लिए बड़ी संख्या में छठव्रतियों के आने की संभावनाएं है।
सूर्य देव की पूजा कर आशीर्वाद लेने आने वाले श्रद्धालु बड़ी संख्या में पहुँच सकते हैं। जिसे देखते हुए व्यापक व्यवस्था और साफ़ सफ़ाई की गई है। ताकि छठपूजा में व्रतियों को किसी भी तरह की समस्या का सामना ना करना पड़े। वहीं लाखों की भीड़ की सुरक्षा के मद्देनजर सीसीटीवी कैमरे से निगरानी करने के लिए चारों तरफ़ कैमरे भी लगाए गए है। जिससे पुलिस अधिकारी और जवानों के अलावा कैमरे से भी निगरानी रखी जा सके।
आस्था और विश्वास का पर्व है छठ
डूबते हुए सूरज को और 8 नवंबर को उगते हुए सूरज को छठव्रतियां अर्घ्य देकर आशीर्वाद लेंगी। कठोर तपस्या और निर्जलाव्रत ही छठ आस्था और विश्वास का महत्वपूर्ण पर्व है। मान्यता है कि अच्छे स्वास्थ्य और संतान सुख के लिए यह पूजा करते हैं। छठीमैया हम सभी की आस्था और भावनाओं की केंद्र है। जिससे छठवर्तियों को घाट में पूजा करने में सहूलियत मिल सके।
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महाआरती में शामिल हुए सीएम साव
गंगा आरती की तर्ज पर उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने अरपा मैया की महाआरती की। उपमुख्यमंत्री साव ने छठपूजा की शुरुआत अरपा मैया की महाआरती करके आशीर्वाद लिया और पूरे प्रदेश के खुशहाली के लिए छठी मैया से प्रार्थना कर मंगल कामना की। महाआरती में 5100 दीप नदी के जल में प्रवाहित किए गए। घाट पर गंगा आरती की तर्ज पर यहां आरती की गई। अरपा नदी के तट को रंग बिरंगी झालरों से सजाया गया है।
पुलिस ने जारी किया ट्रैफिक रूट चार्ट
ट्रैफिक कंट्रोल करने के लिए पुलिस ने पार्किंग एरिया और रूट डायवर्ट चार्ट जारी किया है। गौरतलब है कि एशिया का सबसे बड़ा सुव्यवस्थित और स्थाई छठघाट बिलासपुर में अरपा नदी के तट पर स्थित है। बिलासपुर शहर और आसपास के जिलों के लोग भारी संख्या में छठ घाट पहुंचकर पूजा अर्चना करते हैं। इसलिए ट्रैफिक की व्यवस्थाएं बनाने जिला प्रशासन के साथ मिलकर ट्रैफिक पुलिस ने ट्रैफिक का रूट चार्ट बनाया है। इस अवधि में ट्रैफ़िक एडिशनल एसपी नीरज चंद्राकर ने वाहनों का रूट चार्ट तैयार किया है। पैरों के दौरान छठ घाट रोड़ में छठी लोगों को छोड़कर 7 नवंबर के दोपहर 2:00 बजे से 8 नवंबर की सुबह 11:00 बजे तक भारी वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित किया गया है।
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शाम को डूबते सूरज को अर्घ्य देंगी छठव्रतियां
छठव्रतियां आज शाम को डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देंगी। इस दौरान सूपा और टोकनी में घर का बना हुआ पकवान और सभी मौसमी फल सजाकर घर के सदस्य नदी के घाट पर जाने के लिए निकलेंगे। रास्ते में महिलाएं छठी मैया एवं भगवान सूर्य का गायन करते हुए चलेंगी। बाजे-गाजे के साथ घाट पर पहुंचकर व्रती नदी में स्नान कर अस्ताचल भगवान सूर्य को अर्घ्य देंगे और विनती करेंगे कि भगवान सूर्य अभी अस्त हो रहे है। लेकिन कल नियत समय पर उदय होकर पुनः दर्शन और आशीर्वाद जरूर देंगे। भगवान सूर्य के अस्त होने पर अंधेरा से निजात पाने के लिए एक दीप जलाकर दऊरा पर रखकर घर लौटेंगे और दीपक रात भर जलेगा।
आज के दिन बनता है विशेष प्रसाद
व्रती घर पर शुद्धता एवं पवित्रता के साथ ठेकुआ, खजूर, कचौनिया प्रसाद बनायेंगी। घर के सदस्य स्नान कर पूजा, प्रसाद के लिए मौसमी फल घाघल, नारियल, केला, मुसब्बी, संतरा, सेव, अमरूद, गाजर, मूली, ईख, अदरख, फल्ली, सिंघाड़ा, सुथनी, हल्दी आदि सहित अन्य पूजा सामग्री की खरीददारी करेंगे।