रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा सत्र का 17 दिसंबर, मंगलवार को दूसरा दिन है। ध्यानाकर्षण में अवैध प्लॉटिंग का मुद्दा गूंजा। विधायक अनुज शर्मा ने धरसींवा क्षेत्र में अवैध प्लॉटिंग का मुद्दा उठाया। विधानसभा अध्यक्ष ने राजस्व मंत्री को एक महीने के भीतर विधानसभा के आस-पास अवैध प्लॉटिंग पर कार्रवाई के निर्देश दिए।
सभा में विधायक राजेश मूणत और अजय चंद्राकर ने भी प्रदेश में अवैध प्लाटिंग का मुद्दा उठाया। अवैध कॉलोनी की रजिस्ट्री को लेकर वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि, रेरा, टाउन एंड कंड्री प्लानिंग के नियमों के तहत जो अप्रूव नहीं है उसे लेकर नियम बनाकर कार्रवाई की जाएगी।
सभा में जमकर हुआ हंगामा
इससे पहले भी सदन में जमकर नारेबाजी हुई। सुकमा में नियम विरुद्ध पुल-पुलिया निर्माण को लेकर कांग्रेस ने नारेबाजी की और बिना टेंडर, अनुमति कार्य होने पर कार्रवाई की मांग की। जिसको लेकर मंत्री अरुण साव ने जवाब दिया। लेकिन विपक्ष इससे संतुष्ट नहीं हुआ और नारेबाजी शुरू कर दी। यहां तक की कांग्रेस ने उन्हें भ्रष्ट कह दिया, जिसके बाद सत्तापक्ष ने विपक्ष के खिलाफ नारेबाजी की। जिसके बाद आसंदी ने मंत्री को भ्रष्ट कहे जाने वाले शब्दों को विलोपित कर दिया।
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नक्सल प्रभावित 3 गांवों में पुलिया निर्माण का मामला गरमाया
विधानसभा में कवासी लखमा ने सुकमा और दंतेवाड़ा के नक्सल प्रभावित सरहदी 3 गांवों में पुलिया निर्माण का मामला उठाते हुए कहा कि, पहले पुल बनने का काम शुरू हुआ। फिर टेंडर डालने का कौन सा नियम है? जिस पर मंत्री अरुण साव ने जवाब देते हुए कहा कि, मई के महीने में 2 पूल के निर्माण का काम शुरू हुआ और वहां सुरक्षा कैम्प स्थापित है। वहां रसद सामान ले जाना ज़रूरी था, इसलिए 2 पुलिया का निर्माण शुरू हुआ था। आचार संहिता लगा था, शिकायत होने पर काम रोक दिया गया। लेकिन उसका कोई भुगतान नहीं हुआ है और अब टेंडर आज खुल रहा है। अब जिसे मिलेगा वो बनाएगा। कलेक्टर ने पुल बनाने की अनुमति दी थी। विधायक कवासी लखमा ने आगे कहा कि, पुल निर्माण मामले में गड़बड़ी की गई है। जनता की गाढ़ी कमाई को चूना लगाया है। ईई और सब इंजीनियर पर कार्रवाई करेंगे क्या?