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शराब घोटाला मामले से जुड़े नकली होलोग्राम केस में आरोपी अनवर ढेबर और एपी त्रिपाठी ने यूपी एसटीएफ की पूछताछ में दोनों ने बड़ा खुलासा किया है। दोनों आरोपियों ने बताया है कि, घोटाले की सबसे बड़ी बेनिफिशियरी डिस्टलरी कंपनियां थीं। 

रायपुर। छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले से जुड़े नकली होलोग्राम केस में आरोपी अनवर ढेबर और एपी त्रिपाठी ने यूपी एसटीएफ की पूछताछ में दोनों ने बड़ा खुलासा किया है। दोनों आरोपियों ने बताया है कि, घोटाले की सबसे बड़ी बेनिफिशियरी डिस्टलरी कंपनियां (शराब निर्माता कंपनियां) थीं। 

इनमें भाटिया वाइन एंड मर्चेट प्राइवेट लिमिटेड, छत्तीसगढ़ डिस्टलरीज और वेलकम डिस्टलरीज शामिल हैं। जहां नोएडा स्थित विधु की कंपनी मेसर्स प्रिज्म होलोग्राफी सिक्योरिटी फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड (PHSF) को होलोग्राम बनाने का टेंडर मिला था। उसी से डूप्लीकेट होलोग्राम बनाकर इन तीनों डिस्टलीरज को भेजा जाता था। वहां से अवैध शराब पर इन होलोग्राम को लगाया जाता था।

18 जून को हुए थे गिरफ्तार 

उल्लेखनीय है कि, 12 दिन पहले यूपी एसटीएफ ने कारोबारी अनवर ढेबर को 18 जून की शाम को गिरफ्तार किया था। उसी दिन ढेबर को शराब घोटाले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से जमानत मिली थी। इसके बाद ही ढेबर और छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड (CSMCL) के निलंबित MD एपी त्रिपाठी यूपी एसटीएफ की कस्टडी में हैं। जहां अनवर ढेबर और अरुण पति त्रिपाठी को मेरठ कोर्ट ने 10 दिन यानी 1 जुलाई तक जेल भेज दिया था। 

दोनों से हुई लंबी पूछताछ 

इसी बीच यूपी एसटीएफ ने मेरठ कोर्ट में आवेदन लगाकर दोनों की रिमांड मांगी थी। 28 से 30 जून 3 दिन की रिमांड मिलने के बाद यूपी STF दोनों को लखनऊ लेकर पहुंची थी। जहां दोनों से लंबी पूछताछ हुई। यूपी एसटीएफ के जांच अधिकारी अवनीश्वर चंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि, दोनों आरोपियों से पूछताछ की गई है। पूछताछ में केस से संबधित महत्वपूर्ण जानकारियां मिली है। कल (सोमवार) दोपहर 2 बजे से पहले दोनों को मेरठ कोर्ट में पेश किया जाएगा।

अब तक तीनों डिस्टलरी पर नहीं हुआ कोई एक्शन

छत्तीसगढ़ में 2000 करोड़ रुपए के शराब घोटाला केस में डिस्टलरीज की भी बड़ी भूमिका रही है। ED और EOW ने तीनों डिस्टलरी के संचालकों और उनसे संबंधित लोगो की अरोपी बनाया है। हालांकि अब तक इस मामले पर किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।

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