रायपुर। जुलाई में कोटा फुल करने के बाद अगस्त के महीने में भी राज्य में भरपूर बारिश होने की संभावना बनी हुई है। अगले दो दिन असर कम रहने के बाद पुनः मानसून की सक्रियता बढ़ेगी। पिछले चौबीस घंटे से अधिकांश इलाकों में भारी बारिश नहीं हुई है। शहर में रविवार दोपहर रिमझिम फुहारें पड़ीं और दोपहर बाद धूप-छांव की स्थिति बने रहने की संभावना है। राज्य मेंअरसे के बाद जुलाई के महीने में मानसून ने अपनी अतिरिक्त सक्रियता दिखाई थी। इसकी वजह से कुछ जिलों में छोड़कर बाकी स्थानों पर पर्याप्त बारिश हुई और राज्य की स्थिति बेहतर हो गई।
मौसम विशेषज्ञों की मानें तो जुलाई की तरह अगस्त का महीना भी पानी-पानी रहने की संभावना है। खासकर दूसरे और तीसरे सप्ताह में राज्य में जमकर बारिश होने के आसार हैं। मानसून की अब तक की सक्रियता की वजह से धरती आवश्यकता के अनुसार पानी सोख चुकी है। अब होने वाली बारिश अतिरिक्त रहने के आसार हैं। अगले दो दिन तक प्रदेश में मानसून की गतिविधि में कमी आएगी।
अब मध्यप्रदेश में असर
मौसम विशेषज्ञों की मानें तो राज्य के कई इलाकों को सराबोर करने के बाद पहली बार जमीनी इलाके में बना गहरा अवदाब का क्षेत्र मध्यप्रदेश में जाकर पुनः कम अबदाब के रूप में तब्दील होगा। इसके प्रभाव से एमपी के कई इलाकों में जमकर बारिश होने की संभावना बनी हुई है। अभी मानसून द्रोणिका दक्षिण पश्चिम राजस्थान, टोंक, डाल्टनगंज, बालासोर और उसके बाद पूर्व दक्षिण की ओर पूर्व मध्य बंगाल की खाड़ी तक स्थित है। उत्तर में ज्यादा असर : मौसम विज्ञान केंद्र के विशेषज्ञों के अनुसार, पिछले चौबीस घंटे में मानसून की सक्रियता सरगुजा संभाग में नजर आई। वहां के जनकपुर और भरतपुर में 23 सेमी. तक बारिश हुई। वाड्रफनगर में 17, रामानुजगंज में 13 सेमी., भटगांव में 11 तथा कुछ अन्य इलाकों में दस से तीन सेमी. तक बारिश दर्ज की गई।
दस साल में रायपुर में अगस्त की बारिश
वर्ष कुल वर्षा (मिमी.)
2014 189.2
2015 426.9
2016 229.3
2017 199.7
2018 448.3
2019 302.7
2020 448.6
2021 124.7
ऐसा है अनुमान
■ 8 अगस्त तक राज्य के दक्षिणी हिस्से में बारिश का अधिक प्रभाव
■ 8 से 15 अगस्त तक छग के उत्तरी हिस्से में मानसून की सक्रियता
■15 से 22 अगस्त उत्तर के साथ मध्य इलाके में भी अच्छी बारिश का अनुमान