रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पत्नी कौशल्या का आज जन्मदिन है। इस अवसर पर सीएम की पत्नी कौशल्या ने सरकारी स्कूल के बच्चों के साथ न्योता भोजन किया। वह रायपुर के दो सरकारी स्कूलों में पहुंचीं और बच्चों के साथ बर्थडे मनाया।
सीएम की पत्नी कौशल्या बच्चों के बीच पहुंची। बच्चे खुशी से झूम उठे। जब तितलियों से सजा केक उनके बीच आया तो उनकी एक्साइटमेंट बढ़ गई। उन्होंने उनके लिए हैप्पी बर्थडे टू यू सांग गाया और केक कटवाया। इस दौरान एक बच्चे ने मस्ती में कौशल्या के गालों पर भी केक गला दिया। बच्चे की देखा-देखी बाकी बच्चों ने भी ऐसा किया और मस्ती की। न्योता भोज के लिए कौशल्या साय खुद खीर बनाकर ले गई थीं और अपने हाथों से बच्चों को परोसी। न्योता भोज का यह आयोजन रायपुर के सरदार प्रीतम सिंह सैनी प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक शाला श्यामनगर में और शासकीय बालिका गृह खम्हारडीह में किया गया। मुख्यमंत्री के परिवार के लोगों ने बच्चों के साथ भोजन किया।
बच्चों से पूछा- बताओ खीर कैसी बनी है
भोजन के बाद कौशल्या साय ने बच्चों से पूछा कि, खीर कैसी बनी है। बच्चों ने कहा खीर बहुत अच्छी बनी है। उन्होंने बताया कि, अपने जन्मदिन पर हम लोग खीर बनाते हैं। मेरे बच्चों को खीर बहुत पसंद है। इसलिए आप सब बच्चों के लिए भी मैं खीर बनाकर लाई हूं। इसके बाद उन्होंने बच्चों से बातचीत करते हुए उनकी पढ़ाई-लिखाई और छोटी-छोटी शरारतों के बारे में जाना। फिर उन्होंने शिक्षकों से भी पढ़ाई-लिखाई के बारे में चर्चा की।
'न्योता भोज' योजना को सराहा
मीडिया से बातचीत के दौरान कौशल्या ने कहा कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण अभियान संचालित कर रहे हैं। इस अभियान के तहत उन्होंने सबसे आग्रह किया है कि अपना जन्मदिन और जीवन के खास अवसरों को स्कूली बच्चों के साथ मनाएं। वे बच्चों को भोजन कराएं और स्वयं बच्चों के साथ भोजन करें। यह बहुत ही सुंदर योजना है।
बच्चों के साथ जन्मदिन मनाकर बहुत अच्छा लगा- कौशल्या
उन्होंने आगे कहा- जब साय जी ने मुझे इस योजना के बारे में बताया तो मैंने निश्चय कर लिया था कि, अपना जन्मदिन स्कूली बच्चों के साथ मनाऊंगी। उनके लिए खीर बनाऊंगी और अपने हाथों से परोसूंगी। आज बच्चों ने बड़ी रूचि से खीर खाई मुझे बहुत अच्छा लगा। मेरा जन्मदिन सफल हुआ। उन्होंने आगे कहा कि, न्योता भोज बहुत ही सुंदर आयोजन है। इसकी विशेषता यह है कि, इससे छोटे और प्यारे बच्चों के साथ बात करने का मौका मिलता है। उनसे बात करके बहुत अच्छा लगा।
वेदों से जुड़ी है खीर खिलाने की परंपरा
कौशल्या ने बताया कि, शुभअवसर पर खीर खिलाने की परंपरा वेदों से जुड़ी हुई है। यह हमारी परंपरा है। जब भी कोई विशेष दिन होता है तो सभी का मुंह मीठा करवाया जाता है। वेदों में खीर को क्षीरपाकमोदनम भी कहा गया है। खीर का इतना महत्व है कि अनुश्रुति है कि माता गंगा धरती पर सप्तऋषियों के आशीर्वाद युक्त मंगल खीर लेकर उतरी हैं।