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विधानसभा में विपक्ष ने धान खरीदी पर स्थगन प्रस्ताव रखा। चर्चा की मांग की गई। आरोप लगे कि किसान धान बेच नहीं पाए हैं।

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन प्रश्नकाल के दौरान पक्ष-विपक्ष के बीच धान खरीदी पर तीखी बहस हुई। विपक्ष ने अचानक इस पर स्थगन प्रस्ताव रखा। जिसे अग्राह्य कर दिया गया। इस पर विपक्ष ने सरकार पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाते हुए वाकआउट कर दिया।

सदन में प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक उमेश पटेल ने पूछा कि, प्रदेश में कितनी धान खरीदी हुई और कितनी खरीदी शेष है। जवाब देते हुए मंत्री दयालदास बघेल ने कहा कि, पिछली सरकार से अधिक धान की खरीदी कर ली गई है। इस पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा- 26 लाख किसान रजिस्टर्ड हैं, और 3 लाख किसान धान नहीं बेच पाए हैं। पूरे प्रदेश से धान खरीदी की तारीख बढ़ाने की मांग हो रही है। इसी बीच विधायक उमेश पटेल ने तहसीलदारों द्वारा समिति प्रबंधकों को धमकाने का आरोप लगाया। 

स्थगन प्रस्ताव पर नोक-झोंक

उल्लेखनीय है कि, इसी बीच विपक्ष ने धान खरीदी को लेकर स्थगन प्रस्ताव रखा। 
नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा की मांग की। तब संसदीय कार्य मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा- स्थगन प्रस्ताव में स्पेसिफिक जानकारी नहीं दी गई है।  इसलिए इस विषय पर चर्चा की आवश्यकता नहीं है।

किसानों को पैसे नहीं मिलने का आरोप

इसी बीच भूपेश बघेल, उमेश पटेल ने भी स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा की मांग रखी। इन विधायकों का कहना था कि, प्रदेश के किसान परेशान हैं, इस विषय पर चर्चा होनी चाहिए। विपक्षी विधायकों ने कहा- कई जिलों में टोकन नहीं काटे गए, किसानों को भुगतान नहीं हुआ है। किसानों को पैसा नहीं मिल पा रहा है, वे लाइन लगाकर खड़े हैं। 

छत्तीसगढ़ किसानों का प्रदेश : भूपेश

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा- यह किसानों का प्रदेश है, हजारों किसान धान नहीं बेच पाए हैं। किसानों के घर में अधिकारी छापे डाल रहे हैं, रकबा काटा जा रहा है। किसानों को प्रताड़ित किया जा रहा है। इसलिए स्थगन ग्राह्य कर इस विषय पर चर्चा जरूरी है। 

सदन की कार्यवाही 5 मिनट के लिए स्थगित

हालांकि आसंदी ने इन सब तर्कों के बावजूद धान खरीदी पर विपक्ष का स्थगन प्रस्ताव अग्राह्य कर दिया। विपक्ष ने सरकार पर किसानों के विरोधी होने का आरोप लगाया। विधानसभा में विपक्षी विधायकों ने नारेबाजी की। तब भारी हंगामे के बीच सदन की कार्रवाई 5 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई।

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