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मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज विधानसभा में बड़ी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कोल परिवहन की आनलाइन प्रक्रिया फिर से प्रदेश में लागू कर दी गई है।

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बड़ा ऐलान कर दिया। श्री साय ने बताया कि, पिछली सरकार के दौरान लागू की गई कोल परिवहन की ऑफलाइन प्रक्रिया बंद कर दी गई है। 

उल्लेखनीय है कि, आज इस मसले पर भाजपा विधायक राजेश मूणत ने ध्यानाकर्षण किया था। श्री साय ने उसके जवाब में बताया कि, पिछली सरकार में कोल परिवहन के लिए परमिट जारी करने की ऑनलाइन प्रक्रिया को बंद कर ऑफलाइन किया गया था। खनिज का भौतिक सत्यापन कर ही ई ट्रांजिट पास जारी किया जाता था। जिसके कारण परिवहन में विलंब होता था और भ्रष्टाचार का इसमें समावेश हो गया था। इससे छत्तीसगढ़ की छवि खराब हुई थी, बदनामी हुई। कई भ्रष्टाचार हुए, जिसके चलते कई आईएएस अधिकारी, माइनिंग अधिकारी जेल में हैं। पारदर्शिता, भ्रष्टाचार मुक्त सुशासन को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस सरकार में बदले नियमों निरस्त किया गया है। अब प्रदेश में कोल परिवहन के लिए फिर से आनलाइन प्रक्रिया लागू हो गई है।

राजेश मूणत ने उठाया मामला

उल्लेखनीय है कि, छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के तीसरे दिन भाजपा विधायक राजेश मूणत ने ध्यानाकर्षण के जरिए कोल परिवहन और उससे संबंधित परमिट की स्वीकृति के मुद्दे को सदन में उठाया था। जवाब देते हुए सीएम विष्णुदेव साय ने जवाब देते हुए कहा कि, इससे संबंधित मामले की ईडी जांच कर रही है।

सीएम विष्णुदेव साय के जवाब के बाद बीजेपी विधायक राजेश मूणत ने कहा कि, खनिज विभाग के किस अधिकारी ने और किसकी सहमति से ऑनलाइन प्रक्रिया जो चल रही थी, उसके संशोधित कर आफलाइन करने को लेकर हरी झंडी दी। कोल परिवहन और उससे संबंधित परमिट और स्वीकृति का मुद्दा उठाते हुए उन्होंने पूछा कि, कोल परिवहन के नाम पर जो अवैध वसूली का खेल चल रहा था, उस मामले में कौन-कौन अधिकारी जांच के घेरे में हैं और उस पर क्या कार्रवाई हुई है।

मूणत ने पूछा- किसके निर्णय से हुआ ऑफलाइन 

राजेश मूणत के सवाल का जवाब देते हुए सीएम विष्णुदेव साय ने कहा कि, बगैर परिवहन पास प्राप्त किए परिवहन किया जा रहा था। संचालक आईएएस समीर विश्नोई ने 2020 में नये निर्देश दिए थे और वो फिलहाल जेल में हैं और एंटी करप्शन ब्यूरो में मामला विवेचनाधीन है। जिसको लेकर राजेश मूणत ने कहा कि, ऐसी क्या वजह थी कि, ऑनलाइन प्रक्रिया को ऑफलाइन किया गया... क्या डायरेक्टर ऑफलाइन करने के लिए अधिकृत है और क्या भारसाधक मंत्री से अनुमति ली गई। पिछले 5 साल में नये-नये तरीके से भ्रष्टाचार किया गया है। क्या ये केस सीबीआई को सौंपा जाएगा और ऑफलाइन प्रक्रिया को ऑनलाइन आप करेंगे।

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