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छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय का गृह जिला है जशपुर। यहां के पत्थलगांव क्षेत्र में पहाड़ी कोरवा बड़ी गरीबी में दिन बिताते हैं। उन्हें सरकारी वितरण योजना से राशन पूरा नहीं मिलने की बात वे स्वयं बता रहे हैं। 

मयंक शर्मा- कोतबा-जशपुर। गरीबों को मिलने वाले सस्ता और निशुल्क अनाज में एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है। यहां महिला सरपंच के पति ने अपने बेटे को राशन वितरण की जिम्मेदारी दे रखी है। आरोप है कि, सरपंच के लाडले ने एक महिला से राशन के बदले 500 पांच सौ रुपये की मांग की। पीड़ित महिला इस बात से आहत होकर फूट-फूट कर रोने लगी। 

मामले की जानकारी मिलते ही मीडिया की टीम मौके पर पहुंची, जहाँ 2 दर्जन से अधिक हितग्राही राशन ना मिलने से नाराज होकर बाहर बैठे हुए थे। महिलाओं ने बताया कि, हर माह चावल आबंटन कम आया है बोलकर अधिकांश हितग्राहियों को खाली हाथ वापस लौटना पड़ता है। कुछ को 35 किलो का फिंगरप्रिंट करवा कर 10 तो किसी को 20 किलो ही वितरण कर दिया जाता है।

वितरक ने मांगे 500 रुपये, फूट-फूटकर रोने लगी महिला 

सरपंच के बेटे की मनमानी से परेशान ग्रामीण महिलाओं का दर्द उस वक्त छलका जब वितरक ने गरीब महिला लता चौहान जो अपने दुधमुंहे बच्चे को लेकर राशन लेने आई थी, और ग्रामीण ये कह रहे थे कि, बहुत कम राशन बचा है सभी को नहीं मिल पायेगी। कतार लम्बी थी, लिहाजा लता ने वितरक से राशन जल्दी देने की बात कही, तो उसने मुफ्त राशन जल्दी देने के एवज में 500 रुपए देने की बात कह दी। जिससे छुब्ध होकर महिला निसहाय अवस्था मे फूट- फूट कर रोने लगी। रोते हुए कहने लगी कि "चाउर नी देहन 500 रुपया दिहा ता चाउर मिलहि कहत हे,। हमन गरीब आदमी कहां ले 500 देबो" छत्तीसगढ़ी भाषा में रोते बिलखते हुए महिला अपना दर्द बयान कर रही थी।

जेठ के चाउर आसाढ़ में मिलत हे

ये हालात हैं छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के पत्थलगांव विकासखण्ड के ग्राम पंचायत झिमकी का। जहां राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाली पहाड़ी कोरवा जनजातीय समुदाय बहुतायत में निवासरत है। पहाड़ी कोरवा महिलाएं मनियारो बाई, साझा बाई, इतवारी बाई ने बताया कि, "हमन ला जेठ के चाउर आसाढ़ में मिलत हे" पिछला महीना 35 किलो के जगह 20-20 किलो चावल दीए अभी 2 दिन से खाने के लिए राशन नहीं था। 2 दिन तक उपवास सोना पड़ा है। हमारे पूरे परिवार को अभी चावल मिला है, तो 2 दिन बाद घर मे चूल्हा जलेगा। वहीं हितग्राही मनकुंवर यादव ने बताया कि, बीते माह 20 किलो चावल मिला है। वहीं मई माह का मिला ही नहीं है। 

सबने कहा, आधा-अधूरा ही मिलता है राशन

हितग्राही कुसोमती ने बताया हमे आधा अधूरा चावल मिलता है। 35 किलो की जगह कभी 10 किलो कभी 20 किलो कभी 25 किलो चावल मिलता है। मुलारोबाई चौहान ने बताया कि उन्हें मई माह का चावल फिंगर लगवाने के बाद भी नही दिया जा रहा है। वही हितग्राही सुमति यादव ने बताया कि, मई माह का चावल जून में जून के चावल जुलाई माह में दिया गया है। एक माह का चावल नहीं आया है बोल के दे ही नहीं रहे है। वहीं 2 दर्जन से अधिक महिलाओं ने बताया कि राशन वितरण में भारी मात्रा में धांधली चल रही है। किसी भी माह से सभी राशनकार्ड धारियों को सही से वितरण नहीं किया गया है।

मैंने मजाक में मांगे थे 500 रुपये 

सरपंच का बेटा

इस विषय में जब राशन वितरण कर रहे हरीश पैकरा से पूछा गया तो उसने कहा कि, मशीन नहीं खुला है, इसलिए फिंगर नहीं हुआ है, जिसके कारण राशन नही दिया जा रहा है। वहीं राशन वितरण कर रहे सरपंच के बेटे भूपेन्द्र पैंकरा ने बताया कि, हर माह पूरे गाँव वालों को राशन नहीं बाँट पाते हैं। सभी पारा के एक दो एक दो परिवार छूट ही जाते हैं। आबंटन भी कम है, शासन स्तर से राशन कम आता है। जिससे मेंटेनेंस करके वितरण करते हैं। जब 500 रुपये मांगे जाने की बात पूछी गई तो वितरक भूपेन्द्र पैकरा ने बताया कि, लता चौहान को जल्दी राशन चाहिए था वो पाऊच खाने के लिए 10 रुपए दे रही थी, तो मैंने मजाक में 500 रुपए दो तो चावल दूंगा नहीं तो नहीं दूँगा बोल दिया था। जिससे वो रोने लगी थी।

बिना मुनादी कराया जा रहा था राशन वितरण

झिमकी के ग्रामीणों ने बताया कि, राशन वितरण के लिए गाँव मे मुनादी नहीं करवाई गई थी। कुछ घनिष्ठ हितग्राहियों को फोन से सूचना देकर बुलाकर उन्हें राशन दिया जा रहा था। जो परिवार संपन्न हैं वे राशन लेने भी ट्रैक्टर में आए थे। वहीं जरूरतमंद गरीब परिवारों की बस्तियों में मुनादी ही नहीं करवाई गई। 

असहाय वृद्धा को एक साल से नहीं मिला राशन, पड़ोसी देते हैं खाना

ग्राम पंचायत झिमकी के अंतर्गत नया खुटापानी के जंगल किनारे निवासरत असहाय वृद्धा धनकुवेर हसदा को अंतिम बार 20/11/2023 को राशन मिला था। धनकुवेर अन्त्योदय राशनकार्ड धारी हितग्राही महिला है, जिसके घर से राशन दुकान की दूरी 2 किलोमीटर की है। बीमारी से लाचार असहाय वृद्धा के परिवार में अन्य कोई व्यक्ति नहीं है, जो राशन ला दे। कई बार मोहल्ले वालों ने महिला को राशन देने या भेजने की मांग पंचायत से की, लेकिन डीलर भूपेन्द्र पैकरा ने फिंगर नहीं होने का बहाना बना कर साल भर से राशन उपलब्ध नहीं कराया जिससे वृद्धा को पड़ोसी रोजाना खाना देते हैं। 

गांव की सरपंच महिला, लेकिन पति ही देखता है काम 

ग्राम पंचायत झिमकी की निर्वाचित सरपंच तो राजकुमारी पैंकरा है, लेकिन यहाँ राज सरपंच पति सुखदेव सिंह पैंकरा का चलता है। इस मामले में मीडिया ने जानकारी चाही तो सरपंच पति सुखदेव सिंह पैकरा ने उल्टा हितग्राहियों पर ही शराबखोरी का आरोप लगाते हुए कहा कि, महिला जो 500 रुपये मांगने पर रो रही है वो शराब पीकर बकवास कर रही है। वो खुद गुटखा खाने 10 रुपए देने की बात कही थी, तो मजाक में मेरा बेटा बोला था। सभी को शासन के नियमानुसार ही राशन वितरण करते हैं। मार्च व मई महीने में आबंटन कम आया था तो इधर- उधर कर वितरण करना पड़ता है। मैंने ही 35 कि जगह 20-25 किलो राशन दे कर सभी को वितरण करने कहा था।

खाद्य निरीक्षक को भेजती हूं : अनुविभागीय अधिकारी 

वहीं इस मामले में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व पत्थलगांव, आकांक्षा त्रिपाठी ने इस संबंध में पूछने पर कहा कि, मामले की जानकारी मिली है। मैं तुरंत खाद्य निरीक्षक को भेज कर जाँच करवाती हूं।

खाद्य निरीक्षक ने कहा-कल जाकर देखता हूं 

वहीं खाद्य निरीक्षक पत्थलगांव अजय प्रधान ने कहा कि, मैं अभी बाहर था। गुरुवार को जाँच कर सभी ग्रामीणों को राशन वितरण करवाता हूं। मामले में कोई दोषी पाया जायेंगे तो उनके खिलाफ उच्चाधिकारियों के निर्देशानुसार कार्यवाही की जाएगी।

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