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गुरुवार को विशेष अदालत ने एक बार फिर से कोले लेवी घोटाले में उप सचिव सौम्या चौरसिया को जमानत देने से इनकार कर दिया है।

रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित कोल लेवी घोटाले में जेल गई निलंबित उप सचिव सौम्या चौरसिया की जमानत आज एक बार फिर से नामंजूर हो गई। 450 करोड़ से अधिक के इस कोल लेवी घोटाले में आरोपी जायसवाल भाइयों हेमंत और चंद्रप्रकाश जायसवाल की पुलिस रिमांड भी बढ़ा दी गई है। दोनों को कोर्ट ने 1 जुलाई तक रिमांड पर ब्यूरो को सौंप दिया है।

बचाव पक्ष ने कोर्ट में पिछली न्यायिक रिमांड डेट पर ईओडब्लू के पत्र का हवाला देते हुए कहा कि, ईओडब्लू ने खुद अपने प्रस्तुत पत्र में अभियुक्ता को न्यायिक रिमांड में रखने की आवश्यकता नहीं बताई। साथ ही ईडी और ईओडब्ल्यू की FIR में कहीं भी पद का दुरुपयोग करने के सबूत नहीं हैं। बचाव पक्ष ने पिछले दिनों एक युवक कश्मीर में प्रधानमंत्री का करीब होकर घूमने का उदहारण देते हुए कहा कि, प्रधानमंत्री के पद का दुरुपयोग करने वाले को गिरफ्तार किया गया न की प्रधानमंत्री को। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट की कई न्याय दृष्टांत प्रस्तुत कर जमानत का लाभ देने का अनुरोध किया गया। ईओडब्लू ने जमानत की मांग का विरोध किया। कोर्ट में करीब 1 घंटे तक चली बहस के बाद कोर्ट ने शाम को अपना फैसला सुनाते हुए जमानत न देने की बात कही। कोर्ट ने यह भी कहा कि, मामले की केस डायरी के मुताबिक इस आर्थिक गड़बड़ी में सौम्या चौरसिया की पूरी संलिप्तता नजर आ रही है।

उल्लेखनीय है कि, सौम्या चौरसिया की याचिका पर एंटी करप्शन ब्यूरो की तरफ से डॉ. सौरभ कुमार पांडे और बचाव पक्ष से बिलासपुर HC के वकील हर्षवर्धन परघनिया, फैज़ल रिजवी ने पैरवी की। जमानत याचिका पर यह सुनवाई फर्स्ट एडीजे एसीबी/ईओडब्लू की कोर्ट में हुई।

महादेव सट्टा एप : आठ आरोपियों की रिमांड 10 जुलाई तक बढ़ी

वहीं प्रदेश के एक अन्य बहुचर्चित मामले महादेव ऑनलाइन सट्टा ऐप की गड़बड़ी में जेल में बंद आरोपियों निलंबित एएसआई चंद्रभूषण वर्मा,राहुल वकटे, रितेश यादव, भीम यादव, अमित अग्रवाल, सुनील दम्मानी और सतीश चंद्राकर समेत अर्जुन यादव की भी न्यायिक रिमांड बढ़ा दी गई। विशेष कोर्ट मे सभी आरोपियों की 10 जुलाई तक रिमांड बढ़ाई है। दम्मानी सट्टे के पैसे को हवाला में चलाता था। जबकि चंद्रभूषण वर्मा, सतीश, भीमसिंह अर्जुन यादव, पैसे कांग्रेस नेताओं, पुलिस व प्रशासनिक अफसरों को हिस्से के रूप में देते थे।

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