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बिलासपुर कलेक्टर ने सिम्स अस्पताल का सरप्राइज निरीक्षण कर लचर व्यवस्था को लेकर प्रबंधन को फटकार लगाया।

संदीप करिहार-बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर संभाग के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में मरीजों के इजाल में लापरवाही और परिजनों को मिल रही असुविधा के साथ ही अस्पताल की अव्यवस्थाओं और लापरवाही के मद्देनज़र बिलासपुर कलेक्टर अवनीश कुमार शरण ने सिम्स मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल का सरप्राइज निरीक्षण किया।

सिम्स अस्पताल में पसरी गंदगी और मरीजों को जमीन में बैठे देख कलेक्टर अवनीश कुमार शरण खासा नाराज हुए और अस्पताल प्रबंधन को एक घंटे के भीतर मरीज के परिजनों के बैठने के लिए आरामदायक कुर्सी लगाने के निर्देश दिए। कलेक्टर के सख्त रुख को देखते हुए अस्पताल प्रबंधन ने निर्धारित समयसीमा में निर्देश का पालन किया।

सफाई व्यवस्था को लेकर प्रबंधन को लगाई फटकार
वहीं सिम्स अस्पताल के दिवारों पर गुटखा के थूकने के दाग पर कलेक्टर ने फौरन आदेश दिया कि कोई भी गुटखा खाते हुए और गुटखा लेकर अस्पताल में प्रवेश न करे। इसकी जांच और गेट पर ही ऐसे परिजनों को रोकने के लिए सुरक्षाकर्मियों की ड्यूटी लगाने और अस्पताल परिसर में ऐसा करते पाए जाने वालों के खिलाफ पांच सौ रूपये की चलानी कार्यवाही करने के आदेश दिए गए हैं। कलेक्टर के निरीक्षण से सिम्स अधिकारियों और डॉक्टर्स में हड़कंप मच गया है। कलेक्टर ने डॉक्टरों और स्टॉफ को आईडी कार्ड लगाने के भी सख्त निर्देश दिए हैं। वहीं सिम्स अस्पताल की बीमारू अव्यवस्थाओं को लेकर हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया और व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के निर्देश भी दिए थे। 

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कलेक्टर अवनीश कुमार शरण 

सफाई कर्मियों को भी समय से नहीं दी जाती वेतन 
कलेक्टर अवनीश कुमार शरण ने निरीक्षण के दौरान सिम्स हॉस्पिटल के किचन, बाथरूम, मेडिकल वार्ड, मेडिकल रजिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट जैसे अस्पताल के सभी आवशयक जगहों का निरीक्षण किया। कलेक्टर ने सफाई कर्मचारियों से बात कर उनके वेतन भुगतान के संदर्भ में भी जानकारी ली। इस पर एक महिला सफाई कर्मी ने बताया कि, उन्हें वेतन हर महीने लेट से मिल रहा है। उन्हें महीने के अंत में वेतन मिलता है, यदि वेतन के लिए आग्रह किया जाता है तो सफाई कम्पनी की ओर से उन्हें काम से निकालने की धमकी दी जाती है। इसलिए कर्मचारी चुपचाप अपना काम करते हैं। 

गैर जिम्मेदार कंपनी को किक आउट करने के दिए निर्देश 
ये सुनते ही कलेक्टर अवनीश कुमार भड़क गए और तत्काल BSCPL कम्पनी के सुपरवाइजर को तलब किया। कलेक्टर के सवालों पर सुपरवाइजर पल्ला झाड़ने लगा तो कलेक्टर ने जमकर फटकार लगाई और गैरजिम्मेदाराना जवाब देने के लिए भगा दिया। वहीं कलेक्टर ने निगम आयुक्त कुणाल दुदावत से कहा कि, ऐसे कम्पनी को किक-आउट करो और नया टेंडर करो। ये सुनते ही मौके पर मौजूद सिम्स हॉस्पिटल प्रबंधन के डॉक्टर्स, स्टाफ और प्रशासनिक अधिकारी अपने बगले झांकने लगे। वहीं मौके पर कलेक्टर के साथ निगम आयुक्त कुणाल दुदावत, जिला पंचायत सीईओ अजय कुमार अग्रवाल, CMHO डॉ. राजेश शुक्ल, सिम्स मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. एस.के. नायक समेत अन्य अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे। 


 

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