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डोंगरगढ़ के छिपा ग्राम के सेवा सहकारी समिति मर्यादित छिपा के समिति में धान की हेराफेरी सामने आई है। सोसायटी में खरीदी की गई धान का स्टॉक कंप्यूटर के डाटा में बराबर मात्रा में दर्ज हैं लेकिन फिर धान की कमी हो गई।

राजा शर्मा-डोंगरगढ़। छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ विधानसभा के अंतर्गत ग्राम छिपा के सेवा सहकारी समिति मर्यादित छिपा के समिति में धान की हेराफेरी सामने आई है। जिसकी जांच को लेकर संयुक्त संघ के जिला अध्यक्ष ने निष्पक्ष जॉच का मांग किया है। बीते दिनों सेवा सहकारी समिति के प्रबंधक गोवर्धन वर्मा ने विगत दिनों अपने घर पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। जिसका कारण अज्ञात है वहीं पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है। 

दरअसल, छिपा सोसायटी में खरीदी की गई धान का स्टॉक कंप्यूटर के डाटा में बराबर मात्रा में दर्ज हैं लेकिन फिर धान की कमी हो गई। इस पर डाटा एंट्री ऑपरेटर ने बताया कि, धान खरीदी बराबर मात्रा में हुई हैं। जिसका रिकार्ड कंप्यूटर में दर्ज हैं उसके बाद धान कम कैसे हुआ जिसकी जानकारी हम लोगों को नहीं है। अगर रात के समय सोसायटी से धान निकला होगा तो वो चौकीदार की जवाबदारी हैं।

चौकीदार बोला- प्रबंधक की अनुमति से ही गई धान 
 
वहीं चौकीदार का कहना है कि, मेरी जानकारी में कोई धान अवैधानिक तरीके से रात में नहीं निकला है।  जब भी धान सोसायटी से बाहर गया है तो वह प्रबंधक की कहने से ही गया है। ये अपने आप में ही जांच का विषय हैं की भारी मात्रा में धान की कमी कैसे हो गया। वहीं रोचक बात तो यह है कि, सोसायटी प्रबंधक के आत्महत्या करने के 5 दिन पहले रात को 2 ट्रेक्टर में भरकर धान सोसायटी में डंप किया गया। जबकि धान खरीदी तो कबकी बंद हो चुकी है। जबकि चौकीदार का कहना है कि, सोसायटी प्रबंधक ने फोन में मुझे जानकारी दी थी कि, धान आने वाला है उसे खाली करवा देना।

बड़ा सवाल- किसके ट्रैक्टर से रात में आई धान 

वहीं ट्रेक्टर किसका है और सैकड़ों कट्टा धान किसने लाया ये जानकारी किसी कर्मचारी को नहीं है। रात में देखरेख करने वाले चौकीदार को भी कोई जानकारी नहीं है कि, ये धान किसका है किसके ट्रेक्टर से धान रात में आया है। विश्वस्त सूत्रों की मानें तो धान की कमी और गोवर्धन वर्मा के आत्महत्या मामले में पर्दे के पीछे कोई और हैं जिसे सामने नहीं लाया जा रहा है। धान की कमी एक सीमित अनुपात तक कम हो सकता है लेकिन इतनी भारी मात्रा में नहीं। 

जिला अध्यक्ष श्रीवास बोले- मामले की हो निष्पक्ष जांच 

इस पूरे मामले को लेकर संयुक्त संघ के जिला अध्यक्ष ईश्वर श्रीवास ने हमारे संवाददाता को बताया कि, सेवा सहकारी समिति मर्यादित छीपा के अध्यक्ष ने जो आत्महत्या की है। इस पर्दे के पीछे कोई और हैं जिसे सामने लाना चाहिए और जांच निष्पक्ष होनी चाहिए क्योंकि धान की कमी होना धान का गुण हैं। लेकिन इससे आत्महत्या नहीं किया जा सकता इसका कारण कुछ और है। हम संघ के लोगों ने कलेक्टर को भी निष्पक्ष जांच के लिए ज्ञापन दिया हैं। कलेक्टर ने भी निष्पक्ष जांच कर कार्यवाही करने की बात कही है। 


 

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