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माघ पूर्णिमा से प्रारंभ हुआ राजिम का कुंभ कल्प अपनी भव्यता के साथ समापन की ओर अग्रसर है। मेले में लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने राजिम पहुंचकर पुण्य पर्व स्नान के साथ संतों की वाणी का लाभ उठाया।

श्यामकिशोर शर्मा-राजिम। छत्तीसगढ़ में 24 फरवरी माघ पूर्णिमा से प्रारंभ हुआ राजिम का कुंभ कल्प अपनी भव्यता के साथ समापन की ओर अग्रसर है। इस कुंभ कल्प का समापन महाशिवरात्रि के दिन होगा। इस अवसर पर प्रदेश के राज्यपाल सहित मंत्रिमंडल के सदस्य, विधायक, जनप्रतिनिधि और समस्त साधु-संतों के आशीर्वचन के साथ विराम लेगा। इस दौरान लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने राजिम पहुंचकर पुण्य पर्व स्नान के साथ संतों की वाणी का लाभ उठाया। 

समापन अवसर पर राज्यपाल मंत्रिमंडल के साथ होंगे मौजूद
समापन अवसर पर राज्यपाल मंत्रिमंडल के साथ होंगे मौजूद

3 मार्च से संत समागम के शुभारंभ से लेकर महाशिवरात्रि तक देश के अनेक संत महात्माओं सहित शंकराचार्य, महामंडलेश्वर, मंडलेश्वर ने राजिम आ कर कुंभ कल्प का हिस्सा बने। कुलेश्वर महादेव के पास लोमश ऋषि के आश्रम के पास नदी के बीच में संत समागम हेतु एक विशाल यज्ञशाला सहित दर्जनो कुटिया और डोम का निर्माण किया गया है.  जहां पर उपस्थित संतो ने अपनी-अपनी कुटिया से आने वाले श्रद्धालु भक्तों को अपने प्रवचनों से कृतज्ञ किया। मेले में पधारे पंडित प्रदीप मिश्रा का आगमन ने कुंभ की गरिमा को बढ़ाते हुए इस भव्यता में चार चांद लगाए। 

8 मार्च को होगा भव्य समापन 

मेले में उपस्थित विशाल जन समुदाय की श्रद्धा भक्ति को देखकर प्रदीप मिश्रा भावविभोर हो गए। राजिम कुंभ की व्यवस्था की देखरेख में लगे प्रदेश के धर्मस्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल कुंभ की प्रति निष्ठा, लगन और उनकी श्रद्धा भक्ति इस कुंभ की सफलता में मील का पत्थर साबित हुई। जिनकी कुशल नेतृत्व एवं दिशा-निर्देश में शासन के समस्त विभागीय अधिकारी और कर्मचारियों ने पूरी तन्मयता से काम किया। जिसमें भगवान राजीव लोचन और कुलेश्वर नाथ महादेव का सूक्ष्म दिव्य आशीर्वाद से इस कुंभ ने सफलता की पूर्णता प्राप्त की। 8 मार्च शिवरात्रि के अवसर पर ये कुंभ अपनी पूर्णता को प्राप्त कर समाप्त हो जायेगा।

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