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चिरायु योजना के तहत चिकित्सकीय टीम ने स्वास्थ्य शिविर के दौरान उसकी पहचान कर अस्पताल में उपचार कराया और समस्या का समाधान हो गया।

रायपुर। जन्म के दौरान टेढ़े-मेढ़े पैर की समस्या से पीड़ित मासूम सार्थक साहू का पैर सीधा हो गया। चिरायु योजना के तहत चिकित्सकीय टीम ने स्वास्थ्य शिविर के दौरान उसकी पहचान कर अस्पताल में उपचार कराया और समस्या का समाधान हो गया। आरंग ब्लाक के ग्राम बोरिद के आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने गांव में स्वास्थ्य शिविर लगाने वाले चिरायु टीम को कुछ दिन पहले बताया था कि गांव में एक छोटा बच्चा है जिसका पैर आपस में जुड़ा हुआ है। चिकित्सकीय टीम बच्चे के घर पहुंची और जांच में पाया कि सार्थक साहू नामक बच्चे का पैर टेढ़ा-मेढ़ा है और समस्या से ग्रसित है।

अफसरों के निर्देश पर बच्चे को डीके अस्पताल लाया गया जहां जांच के बाद चिकित्सकों ने इलाज के लिए ऑपरेशन की सलाह दी। नन्हे बच्चे की सर्जरी के बारे में सुनकर उनके माता-पिता भयभीत हो गए थे, जिन्हें काफी कोशिश के बाद उन्हें समझाया गया। इसके बाद बच्चे का इलाज शुरू हुआ और लंबी प्रक्रिया के बाद उसका पैर ठीक हो गया। बच्चे के इलाज के लिए सीएमएचओ डॉ. मिथिलेश चौधरी के साथ डीपीएम मनीष मैजरवार और चिरायु योजना की नोडल अधिकारी डॉ. श्वेता सोनवानी ने गंभीरता दिखाई।

नौ साल की बच्ची के दिल का ऑपरेशन

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम चिरायु के माध्यम से 9 साल के बच्चे को नया जीवन प्रदान करने में स्वास्थ्य टीम को सफलता मिली। प्राथमिक शाला चरौदा में स्वास्थ्य परीक्षण के दौरान दूसरी कक्षा की छात्रा भेजकुमारी के हृदय में असमान्य गति पायी गई थी। पूछताछ में पता चला कि वह जल्दी थक जाती है, कभी-कभी सीने में भी दर्द होता है। चिरायु टीम ने बच्ची को नवा रायपुर सत्यसाईं संजीवनी अस्पताल पहुंचाया जहां उसका इलाज हुआ और वह पूरी तरह स्वस्थ हो गई। इस पूरी प्रक्रिया में चिरायु टीम आरंग के लीडर डॉ. भूपेश गेंडरे, डॉ. शिल्पा कटारिया, फार्मासिस्ट विनित कुमार, एएनएम प्रर्णिता बर्मन की प्रमुख भूमिका रही।

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