रायपुर। छत्तीसगढ़ में विधानसभा और लोकसभा चुनाव में मिलीहार पर कांग्रेस की फैक्ट फाइंडिंग कमेटी दिल्ली में सोमवार को छत्तीसगढ़ के नेताओं से वन-टू-वन चर्चा कर रिपोर्ट को फाइनल टच दिया गया। पार्टी के सीनियर नेताओं को दिल्ली बुलाया गया है। हरीश चौधरी ने कहा, कमेटी को समय पर्याप्त मिला है, रिपोर्ट जल्द कांग्रेस अध्यक्ष को देंगे। दिल्ली के हिमाचल भवन में दोपहर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज, पूर्व उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव सहित अन्य बड़े नेता दिल्ली पहुंचे।
यहां पर उनसे चर्चा कर अब तक बनी रिपोर्ट के बारे में जानकारी के बाद वन-टू-वन चर्चा कर उनसे हार के कारणों के बारे में जानकारी ली गई। बताया गया है कि सभी नेताओं को अलग-अलग बात की गई। कमेटी के सामने सबने अपने पक्ष रखे। नेताओं से संगठन को आगे कैसे मजबूत किया जाए, इस पर उनका पक्ष जाना गया। कमेटी की ओर से कमेटी के अध्यक्ष वीरप्पा मोइली और सदस्य हरिश चौधरी मौजूद थे। बताया गया है कि कल कांग्रेस के महासचिव और वरिष्ठ नेताओं की एक और बैठक रखी गई है। बैठक में संगठन में फेरबदल और महाराष्ट के आगामी विधानसभा चुनाव पर चर्चा होगी। माना जा रहा है कि इस बैठक में अन्य राज्यों के साथ छत्तीसगढ़ की फैक्ट फाइंडिंग कमेटी अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
चुनाव क्यों हारे इस पर चर्चा
सिंहदेव फैक्ट फाइंडिंग कमेटी की बैठक के बाद पूर्व मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा, चुनाव में क्यों हारे इसके साथ ही आगे रणनीति पर भी चर्चा हुई। कार्यकर्ताओं से पहले चर्चा हुई, अब यहां बड़े नेताओं से चर्चा हुई है।
छत्तीसगढ़ में एक हजार से अधिक नेताओं से चर्चा-चौधरी
फैक्ट फाइंडिंग कमेटी की बैठक के बाद हरीश चौधरी ने कहा, छत्तीसगढ़ में समीक्षा के दौरान 1100 के करीब नेताओं से बात की गई। सोमवार को दिल्ली में स्टेट लीडरशिप के वरिष्ठ नेताओं से बात की गई है। हमारा प्रयास रहेगा जल्द रिपोर्ट बनाकर आलाकमान को सौंप दें। लोकसभा चुनाव परिणाम को लेकर फैक्ट फाइंडिंग कमेटी की बैठक में चर्चा हुई। गुप्त तरीके से रिपोर्ट बनाने का हमें कहा गया है।
आज कांग्रेस पार्टी की महाबैठक
लंबे समय के बाद कांग्रेस पार्टी का शीर्ष नेतृत्व संगठन की ओवरहॉलिंग के लिए फिर संग साथ बैठेगा। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने देश भर के प्रदेश अध्यक्षों, विधायक दल के नेताओं, विस चुनाव के लिए बनायी गयी समिति के सदस्यों और प्रदेश प्रभारियों को मंगलवार को दिल्ली तलब किया है। एआईसीसी मुख्यालय में बैठक आहूत की जानी है। पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने बताया कि चार राज्यों के आसन्न विस चुनाव पर वृहत चर्चा होनी है। हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड और बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनावों में गठबंधन में चुनाव में जाना है तो उसका प्रारूप क्या होना चाहिए, ऐसे सवालों को मथा जाएगा। ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमेटी की पहले ही भारी हार के बाद भंग कर दी गई है। उसका नये सिरे से गठन होना है। क्या ओडिशा फार्मूला ही छत्तीसगढ़ समेत अन्य राज्यों के लिए भी इस्तेमाल किया जाए, जहां संगठन लगभग शून्य की स्थिति में है। विधानसभा और लोकसभा में करारी शिकस्त मिली है।
हरियाणा और महाराष्ट्र से उम्मीद
इस साल के आखिर तक हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड और बिहार में चुनाव होने वाले हैं। बिहार विधानसभा चुनाव अगले साल की शुरुआत में होंगे। इसके लिए भी अभी से ही तैयारी की जा रही है। हरियाणा और महाराष्ट्र ऐसे राज्य हैं, जहां पर इस बार कांग्रेस अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद कर रही है। लोकसभा चुनाव के नतीजे में कांग्रेस पार्टी बेहतर स्थिति में उभरी है।
अभी किस राज्य में किसकी सरकार?
चुनावी चार राज्यों में से तीन राज्यों में भाजपा या उनके सहयोगियों की सरकार है। हरियाणा में लगातार दो बार भाजपा ने भारी जीत हासिल कर सरकार बनायी। मनोहर लाल की जगह नायब सैनी को सीएम बनाकर भाजपा ने नई बिसात बिछायी है। भाजपा जहां लगातार तीसरी बार सरकार बनाने के लिए मैदान में होगी तो खेमेबाजी में बंटी कांग्रेस पार्टी के लिए नेताओं को एकजुट रखने की बड़ी चुनौती है। कुमारी सैलजा, रणदीप सुरजेवाला और हुड्डा कैंप में रस्साकशी लंबे समय से चल रही है। महाराष्ट्र में भाजपा, शिवसेना (शिंदे गुट) और एनसीपी (अजित गुट) की सरकार है। इनमें से अजित गुट को लेकर गठबंधन में सामान्य स्थिति नहीं है। इसीलिए अजित पवार शिंदे सरकार में शामिल होते हुए अलग से चुनाव लडने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। बिहार में भाजपा, जदयू और सहयोगियों की सरकार है। यहां राजग गठबंधन मजबूत है तो इंडिया गठबंधन भी उतना ही मजबूत है। विस चुनाव में टक्कर जमकर होगी। झारखंड ही एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां कांग्रेस झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के साथ सत्ता में है। भाजपा को उम्मीद है कि वह इस बार यहां भी अपनी सरकार बना लेगी। इसे जीत में इंडिया गठबंधन कैसे बदले, इस पर भी आज की बैठक में चर्चा होनी है।
कांग्रेस क्यों आत्मविश्वास से भरी हुई?
कांग्रेस इस वक्त विधानसभा चुनाव को लेकर आत्मविश्वास से भरी हुई है. पार्टी नेता सोनिया गांधी ने हाल ही में एक बैठक के दौरान कहा था कि भले ही जनता का समर्थन हमारी ओर दिख रहा है, लेकिन हमें आत्मविश्वासी नहीं होना है, बल्कि जमीनी स्तर पर काम करना है. दरअसल, लोकसभा में मिले नतीजों के बाद कांग्रेस आत्मविश्वास से भरी हुई है. हरियाणा में पार्टी को 10 में से पांच सीटों पर जीत मिली है. महाराष्ट्र में पार्टी सबसे ज्यादा सीटें वाला दल रही है. बिहार में भी उसका प्रदर्शन अच्छा रहा है।