Logo
कांग्रेस की न्याय यात्रा की सफलता को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा, राज्य सरकार के नाकामियों को लेकर जनता के बीच गए थे। इन मुद्दों पर कांग्रेस को बड़ी सफलता मिली है।

रायपुर। कांग्रेस की न्याय यात्रा की सफलता को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा, राज्य सरकार के नाकामियों को लेकर जनता के बीच गए थे। इन मुद्दों पर कांग्रेस को बड़ी सफलता मिली है। आगे भी इस तरह की यात्राएं प्रदेश में होंगी। प्रदेश में आगे उपचुनाव, नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव के बीच प्रदेश कांग्रेस संगठन में नई नियुक्तियां की जाएंगी।

पार्टी में सभी बड़े नेताओं को साथ लेकर कांग्रेस सामूहिक रूप से निर्णय लेकर मजबूत विपक्ष की भूमिका निभा रही है। श्री बैज ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव सरकार के नौ माह के कार्यकाल को असफल बताते हुए कहा कि उनकी सरकार रिमोट कंट्रोल से चल रही है। सार्थक संवाद में हरिभूमि- आईएनएच के प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने उनसे चर्चा की। 

  • प्रदेश अध्यक्ष पद पर नया चेहरा लाएंगे, आपकी न्याय यात्रा के बीच ऐसी चर्चा हो रही है। आग लगी है, तभी तो धुआं उठ रहा है।
  • राजनीति में लोग कयास लगाते रहते है। राजनीति में आजकल बहुत सारी टेक्निक हो गई है। बिना आग के धुआं भी निकलता है। कांग्रेस में आंसू गैस कोई नहीं छोड़ रहा, भाजपा इस कोशिश में है कि आंसू गैस छोड़ी जाए। पिछले नौ महीनों में अपनी नाकामियों को लेकर भाजपा परेशान है। चुनाव जीतकर सत्ता में आई है तो उनकी नाकामियों को उजागर करना हमारा काम है। कांग्रेस जनता के लिए आईना है।
  • भाजपा दीपक बैज को क्यों परेशान दिखाई दे रही है?
  • वास्तव में जिस उम्मीद के साथ भाजपा सत्ता में आई, नौ माह से सरकार चल रही है। सरकार जनता का दिल जीतने में सफल नहीं रही। यहां पर कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर जनता खफा है। मरीन ड्राइव में अंबिकापुर के युवक की हत्या हो जाती है। महिलाओं से दुराचार की घटनाएं हो रही हैं। विपक्ष लगातार इसके लिए लड़ता रहा है। विपक्ष की भूमिका में होने के कारण जनता की आवाज बुलंद कर रहे हैं। विधानसभा में भी इन मामलों को उठाने से सरकार बदनाम हो रही है। 
  • भाजपा सरकार की नाकामी और लोकसभा चुनाव में राज्य में प्रचंड सीटें मिली, इसमें विरोधाभास है, इसे कैसे देखते हैं? 
  • कई राज्यों में लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा की लहर रही। छत्तीसगढ़ में राज्य बनने के बाद भाजपा लोकसभा चुनाव में 9-10 सीटें लाती रही है। हम यहां 1-2 सीट ही जीतते रहे, यह तस्वीर हम नहीं बदल पाए, इसे समझना पड़ेगा। 
  • पहले साल से ही सरकार के खिलाफ कांग्रेस की आक्रामक लड़ाई के क्या मायने हैं?
  • कांग्रेस में आपसी लड़ाई नहीं है। सरकार में काम ऐसे हो रहे हैं कि हमें सड़क पर आकर आक्रामक कदम उठाने पड़ रहे हैं बलौदाबाजार और कवर्धा जिले की लोहारीडीह की घटना को ही लें, इन मामलों में सरकार चाहती तो इन घटनाओं को रोक सकती थी। कांग्रेस विपक्ष में होने के नाते सरकार की कमजोरी को उठाने सड़क पर उतरी है।
  • आपने गिरोधपुरी से पदयात्रा की शुरुआत की, कवधां से क्यों नहीं, यह विरोधाभास कैसा?
  • कांग्रेस ने बढ़ते अपराध और कानून व्यवस्था को लेकर आवाज उठाई। हम लोगों ने ब्लॉक से लेकर जिले तक सरकार को जगाने के लिए लड़ाई लड़ी। मुख्यमंत्री ने इसके बाद कलेक्टर- एसपी कांफ्रेंस में नाराजगी जाहिर की, लेकिन व्यवस्था नहीं सुधरी। इसलिए कांग्रेस पार्टी ने निर्णय लिया कि हम सरकार को जगाने पदयात्रा निकालेंगे। हमने लोगों के बीच जुड़ाव लाने गिरौदपुरी से यात्रा निकाली। यह यात्रा का समापन नहीं है, यह विराम है। आगे भी ऐसी यात्रा अन्य जगहों से भी निकलेगी। यात्रा के दौरान लोगों ने अपने विचार रखे। आवास योजना, महतारी वंदन योजना और पेंशन नहीं मिलने की शिकायतें भी हमारे पास आई है।
  • ऐसा कहा जाता है कि बलौदाबाजार की घटना कांग्रेस के कारण हुई। मामले में कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव जेल में बंद है?
  • बलौदाबाजार की घटना के पीछे कांग्रेस का हाथ नहीं रहा। सरकार पूरी तरह कांग्रेस को बदनाम करने के लिए हमारे विधायक पर आरोप लगा रही है। हमें न्यायालय पर पूरा भरोसा है कि न्याय होगा।
  • व्याय यात्रा में कितने लोग साथ चले और क्या-क्या परेशानी आई?
  • न्याय यात्रा के दौरान कांग्रेस को पूरी टीम हमारे साथ चल रही थी। 1500 से अधिक लोक स्थायी रूप से चले। यात्रा में चरणदास महंत, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, टीएस सिंहदेव संहित कई नेता शामिल हुए। यात्रा के दौरान कई लोगों के पांव में छाले भी पड़ गए। बारिश और तेज धूप से गर्मी के कारण चलने में परेशानी भी हुई। जनता से जुड़ाव इस यात्रा में ठंडक देता रहा। मुझे पैदल चलने का बड़ा अनुभव है, इसलिए कोई परेशानी नहीं हुई।
  • पद‌यात्रा ने मुख्यमंत्री साय को हिलाया या दीपक बैज का कद बढ़ाया, क्या मानते हैं?
  • सरकार के खिलाफ सकारात्मक मुद्दों पर हमने यह यात्रा निकाली थी। जनता के सामने उनकी नाकामी सामने आने से यात्रा को लेकर सरकार डरी हुई थी। पूरी पार्टी हमारे साथ थी, सभी लोगों का सहयोग इस यात्रा में हमें मिला। यह अकेले मेरी यात्रा नहीं थी। पार्टी ने जनता के मुद्दों को लेकर निकाली।
  • बस्तर में नक्सली दफन होने जा रहे हैं, क्या कहना है आपका?
  • नक्सलियों को लेकर अमित शाह ने पहली बार नहीं कहा है। पहले भी 2014, 2016, 2018, 2020 और अब 2026 का टारगेट दे गए हैं। हो सकता है, आगे 2028 भी हो जाए। बस्तर में शांति हो, सभी चाहते हैं। वहां पर जो एनकाउंटर हो रहे है, उनमें आदिवासी न मारे जाएं, इसे देखा जाए। कांकेर में फर्जी मुठभेड़ हुई है, सरकार के पास कोई जवाब नहीं है। आदिवासियों को जबरदस्ती जेल में डाला जा रहा है। ये सब बंद हो।
  • प्रदेश में आदिवासी मुख्यमंत्री बनने से क्या फर्क पड़ा और इसे किस तरह से लेते हैं?
  • प्रदेश में जब आदिवासी मुख्यमंत्री बनने की बात आई थी तो मैंने उन्हें बधाई दी थी। यह भी कहा था कि आदिवासियों के जल, जंगल, जमीन बचाने की चुनौती कम नहीं है। सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री रिमोट कंट्रोल से चल रहे हैं। यह सरकार दिल्ली से या नागपुर से कहां से चल रही। प्रदेश में सरकार अरुण साव, विजय शर्मा, ओपी चौधरी या कौन चला रहा है. यही पता नहीं है। आदिवासी दिवस का प्रोटोकॉल जारी होने के बाद भी आदिवासी मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में किसके इशारे पर जाने से मना कर दिया, पता नहीं।
  • कांग्रेस में किस नेता की चल रही है दीपक बेज या किसी और की?
  • कांग्रेस में सभी नेताओं की सलाह और चर्चा करने के बाद निर्णय लिए जाते हैं। यहां पर एकजुट होकर काम करने का प्रयास होता है। न्याय यात्रा की सफलता सभी नेताओं की सोच का नतीजा है। यहां पर सामूहिक रूप से निर्णय लेकर पार्टी विपक्ष की भूमिका बखूबी निभा रही है।
5379487