जगदलपुर- छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में सर्वाधिक नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले के चिंताबागू नदी पर पुल नहीं होने से बासागुड़ा से धरमावरम क्षेत्र के लगभग कई गांव में बारिश के समय में आना-जाना नहीं हो पाता है। सामान्य समय में लोग नाव से तेलंगाना आना-जाना करते हैं। चिंताबागू नदी पर पुल निर्माण के लिए ग्रामीणों के सामाजिक और आर्थिक विकास में मददगार साबित होगा। पहले कहीं जाने के लिए नदी पार करनी पड़ती थी और नाव के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता था। इस पुल निर्माण से आसानी से नदी पार हो पाएगी, जिससे ग्रामीणों की जिंदगी में बहार आ जाएगी।
बता दें, गांव वालों का कहना है कि, सीमावर्ती राज्य तेलंगाना में शादी करना आसान नहीं था। क्योंकि आने-जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। लेकिन अब पुल बनने से जिंदगी की रफ्तार बढ़ जाएगी। सब्जी खरीदने से लेकर उपचार कराने तक पुल पार करके सीमावर्ती राज्य तेलंगाना में जा पाएंगे। ग्रामीण कहते हैं कि उनके परिवार से तेलंगाना से कई रिश्तेदारी होगी। इससे पहले आने-जाने की सुविधा नहीं होने से वहां जाने में काफी
मशक्कत करनी पड़ती थी
बताया जा रहा है कि, बीजापुर जिले के पामेड़ क्षेत्र के बासागुड़ा से धरमावरम मार्ग पर लोक निर्माण विभाग और सेतु निर्माण द्वारा चिंगाबागू नदी में 260 मीटर लम्बा पुल 18 करोड़ रूपए की लागत से निर्माण किया जा रहा है, जो दिसंबर 2024 तक पूर्ण हो जाएगा। इसके लिए हाल ही में बीजापुर के कलेक्टर अनुराग पांडे अपनी टीम के साथ पुल निर्माण कार्य का निरीक्षण कर आवश्यक निर्देश दिए। सर्वाधिक नक्सल प्रभावित क्षेत्र के पुल निर्माण कार्य के दोनों ओर बने सुरक्षा बल कैम्प में बिजली पहुंचाई गई है।
दर्जन भर गांव तेलंगाना से जुड़ेंगे
क्षेत्र के ग्रामीणों ने बताया कि पुल एवं सड़क निर्माण कार्य होने के बाद लोग आसानी से तेलंगाना जाना-आना कर रहे हैं। यहां तक कि यहां के लोग तेलंगाना के निवासियों के बच्चों की शादी-ब्याह भी कर सकेंगे, क्योंकि क्षेत्र के लगभग एक दर्जन गांव तेलंगाना से जुड़ जाएगा।
फायरिंग के बाद भी निर्माण कार्य शुरू
कलेक्टर अनुराग पांडे ने इस संबंध में बताया कि, उक्त पुल निर्माण कार्य के दोनों ओर सुरक्षा बल के कैम्प तैनात किया गया है। इस दौरान आए दिन नक्सली दूर से फायरिंग कर भाग रहे हैं। सुरक्षा बल तैनात होने से निर्माण कार्य जोर-शोर से चल रहा है।