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रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा वाले दिन हेड मास्टर बच्चों और कुछ युवाओं को हिन्दू देवी-देवताओं को न मानने की शपथ दिला रहा था। शिकायत के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा।

प्रेम सोमवंशी-कोटा। एक तरफ श्री राम मंदिर बनने और रामलला के विराजमान होने पर पूरा देश खुशी से झूम उठा है वहीं दूसरी तरफ सनातन धर्म के खिलाफ बोलने वालों के भी वीडियो वायरल हो रहे हैं। ऐसा ही एक मामला बिलासपुर जिले के मोहतराई गांव से सामने आया है। 

दरअसल, 28 जनवरी रविवार को एक युवक रूपेश कुमार ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। उसने बताया कि, 22 जनवरी को जब पूरा देश रामोत्सव मना रहा था तब मोहतराई गांव में प्रधान पाठक रतनलाल सरोवर कुछ बच्चों और युवाओं को चौक में इकट्ठा कर हिन्दुओं के आराध्य श्री राम, श्री कृष्ण और हिन्दू देवी-देवताओं को न मानने और पूजा न करने की शपथ दिलाई। इससे सनातन अनुयायियों की भावनाओं को ठेस पहुंची है। 

आरोपी को गिरफ्तार कर भेजा जेल 
उसने रिपोर्ट दर्ज कराते हुए कहा कि, इससे क्षेत्र में धार्मिक मनमुटाव हो रहा है और विवाद या दंगे होने की गंभीर स्थिति बन रही है। रूपेश कुमार की शिकायत दर्ज कर वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में थाना प्रभारी रतनपुर देवेश सिंह राठौर और थाना रतनपुर टीम ने कार्रवाई करते हुए आरोपी रतनलाल सरोवर निवासी मोहतराई को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया है। 

डीईओ ने हेड मास्टर को किया निलंबित
उल्लेखनीय है कि, रविवार को रतनपुर के शासकीय प्राथमिक शाला भरारी में हेड मास्टर ने बच्चों और युवाओं को शपथ दिलाई थी। इसका वीडियो भी सामने आया था। इस वीडियो में वह बच्चों को हिन्दू देवी-देवताओं को न मानने और न पूजा करने की शपथ दिला रहे थे और बौद्ध धर्म को अपनाने की बात कही जा रही थी। हालांकि हेड मास्टर रतनलाल सरोवर को DEO (District Education Officer) ने निलंबित कर दिया है। 

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