भिलाई। विवाहिता को प्रताड़ित करने के मामले में पति, ससुर, सास और ननंद को कोर्ट ने सजा सुनाई है। पति को अप्राकृतिक कृत्य करने व प्रताड़ित करने पर 9 साल सश्रम कारावास व 10 हजार रुपए अर्थदंड की सजा दी गई है। पति निमिष अग्रवाल को अपनी पत्नी के अप्राकृतिक कृत्य के आरोप में धारा 377 के अधीन यह सजा सुनाई गई। दहेज के लिए प्रताड़ित करने पर अपर सत्र न्यायाधीश एफटीसी की कोर्ट ने यह फैसला दिया।
पीड़िता के ससुर सुनील अग्रवाल एवं सास रेखा अग्रवाल को धारा 498 ए, 323 तथा दहेज प्रतिषेध अधिनियम की धारा 3 व 4 के तहत 10-10 माह के साधारण कारावास, 1-1 हजार रुपए अर्थ दंड, पीड़िता की ननंद नेहा अग्रवाल को 6 माह का कारावास एवं 1000 रुपए अर्थ दंड की सजा सुनाई है। अभियोजन पक्ष की ओर से अतिरिक्त लोक अभियोजक पूजा मोंगरी ने पैरवी की थी। पीड़िता का विवाह 16 जनवरी 2007 को नेहरू नगर भिलाई निवासी आरोपी निमिष अग्रवाल के साथ संपन्न हुआ था। विवाह के पूर्व पीड़िता की सास रेखा अग्रवाल एवं सुनील अग्रवाल के द्वारा पीड़िता के मायके वालों पर दबाव बनाया गया कि उसके ससुराल वालों का बड़े-बड़े लोगों के साथ उठना बैठना इसलिए शादी में वे लोग अच्छे से अच्छा इंतजाम करें। तब पीड़िता ने अपने पिता से बोलकर ससुराल वालों की कंपनी के बैंक खाते में लगभग ढ़ाई करोड़ रुपए ट्रांसफर करवाए थे। उसके बाद भी ससुराल वाले दहेज की लालच में आकर उसे बीएमडब्ल्यू कार अपने पिता से मांगने के लिए दबाव देने लगे। जब पीढ़िता इसके लिए तैयार नहीं हुई तो ससुराल वाले उसे गाली गलौज देकर अपशब्द बोलते थे, वही उसका पति निमिष अग्रवाल पीड़िता के साथ अप्राकृतिक कृत्य करता था।
पिता ने कहा बच्चों को प्रताड़ित करने की सजा
पीड़िता के पिता विजय अग्रवाल के द्वारा यह कहा गया कि पिछले आठ वर्षों से जेल से कम की सजा नहीं पा रहा हूं। जब मेरी बेटी और बेटी की बेटी तीन साल की थी तब प्रताड़ना सहकर मेरे घर आई थी। उस दिन से आज तक मैं तकलीफ में ही रहा हूं। आज उन्हें अगर उनके कर्मों की सजा मिली है। उसका पश्चाताप मेरी बेटी के ससुराल वालों करना है। मैं यह मानता हूं कि मेरे बच्चों को प्रताड़ित करने की वजह से मेरी बेटी की ससुराल वालों को यह सजा मिली।