रायपुर। शहर के 10 जोन में स्थित 9 गोबर खरीदी केंद्रों में गोधन न्याय योजना के तहत पशुपालकों से गोबर खरीदी बंद है। इसके चलते गोबर से वर्मी कंपोस्ट खाद बनाने के लिए तैयार 1 लाख केंचुए मरने की स्थिति में पहुंच गए हैं। 46 सीमेंट टांके, 35 ग्रीन बेड और खेत में बनाए गए 300 बेड में इन केंचुओं को बड़े जतन से महिला समूहों ने तैयार किया था। वहीं गोबर खरीदी कार्य कर रहे महिला समूहों को विधानसभा चुनाव के बाद से लाभांश की राशि का भुगतान अब तक नहीं हो पाया है। परेशानी से गुजर रही महिलाएं अपनी पीड़ा बताने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मुलाकात करने की तैयारी में हैं। वहीं पशुपालकों से अघोषित रूप से गोबर खरीदी का काम शहरभर में ठप पड़ा है।
पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की गोधन न्याय योजना अंतर्गत 2 रुपए किलो में पशुपालकों से गोबर खरीदी और गोबर से अन्य उत्पाद बनाने का काम इन दिनों अघोषित रूप से ठप पड़ा है। रायपुर नगर निगम के 70 वाड़ों को समाहित 10 जोन के 9 गोबर खरीदी केंद्रों में पशुपालकों से गोबर खरीदी बंद है। सेंटर के प्रभारी अधिकारियों का कहना है, गोठान चालू है, पर पेमेंट वाली वेबसाइट बंद है। गोबर खरीदी का काम कर रहे महिला समूहों को लाभांश के रूप में मिलने वाली राशि विधानसभा चुनाव के बाद से रुका हुआ है। इसकी शिकायत निगम आयुक्त से लेकर विभागीय अधिकारियों तक की गई, पर समस्या का समाधान नहीं हो पाया।
गोबर से पुट्टी, पेंट बनाने का काम ठप
जोन 8 के जरवाय में नगर निगम द्वारा गोबर से पुट्टी व पेंट बनाने केंद्र खोला गया, पर नगर निगम के इस इकलौते गोबर-पुट्टी केंद्र में गोबर से पुट्टी और पेंट बनाने का बंद पड़ा है।5 हजार लीटर पेट बनकर डंप पड़ा है। नगर निगम जोन 7 के गोबर खरीदी केंद्र की महिला समूह को 150 लाख लाभांश राशि का भुगतान लबित है।
जरवाय के गोबर खरीदी केंद्र में तैयार लाख केंचुए मरने की कगार पर
नगर निगम जोन 8 के जरवाय गोबर खरीदी केंद्र में धनलक्ष्मी महिला स्वसहायता समूह द्वारा 46 सीमेंट से बने टांके, 35 कीन बेड और खाली खेत में बनाए गए 300 बेड में वर्मी कंपोस्ट खाद बनाने के लिए तैयार 1 लाख केंचुए मरने की स्थिति में हैं। यहां गोबर खरीदी नहीं हो रही है, इसलिए खाद बनाने का काम ठप पड़ा है। समूह की अध्यक्ष धनेश्वरी रात्रे का कहना है, महिला समूह के 3 लाख रुपए की लाभांश राशि का महीनों से भुगतान नहीं हुआ है। गोकुलनगर, फुडहर, अमलीडीह सहित अन्य जगहों पर खोले गए गोबर खरीदी केंद्र में भी महिला समूहों के लाभांश भुगतान की कमोबेश यही स्थिति बनी है। जोन 1 के महिला समूह की अध्यक्ष शैल साहू, जोन 5 की समूह प्रमुख पुष्पा वर्मा, जोन 6 की कान्हा महिला स्वसहायता समूह अध्यक्ष सीमा सिंह, जोन 8 के धनेश्वरी महिला स्वसहायता समूह अध्यक्ष धनेश्वरी रात्रे, जोन 7 से महिला समूह की लता साहू, जोन 10 की महिला समूह की प्रतिमा सागर का संयुक्त रूप से कहना है, गोबर खरीदी का काम प्रभावित होने और महिला समूह को मेहनताने के रूप में मिलने वाले लाभांश की राशि का महीनों से भुगतान नहीं होने से वे काफी परेशानी के बीच गुजर रही है। भुक्तभोगी महिलाएं की पीड़ा अब हम मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मुलाकात कर बताएंगे। इसके लिए हमने प्रयास भी किया, पर वे मिल नहीं पा रहे।
गोबर खरीदी बंद, खाद भी नहीं बन रही
ननि रायपुर गोधन न्याय योजना के नोडल अधिकारी रमेश जायसवाल ने बताया कि, गोबर खरीदी में पशुपालकों को भुगतान को लेकर कम की स्थिति बनी हुई है। गोठान चालू है, पर न बेबर खरीत हो रही, न ही खाद बन रही। पशुपालक भी नहीं आ रहे, शहर के सभी गोबर खरीदी केद्रों में यही स्थिति है।