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दंतेवाड़ा जिला अस्पताल में 66 लाख रुपये की सरकारी रकम की गड़बड़ी मामले को हरिभूमि वेबसाइट ने प्रमुखता से उठाया था। इस प्रशासन ने बड़ा एक्शन लिया है।

पंकज भदौरिया- दंतेवाड़ा। दंतेवाड़ा जिला अस्पताल में 66 लाख रुपये की सरकारी रकम की गड़बड़ी के मामले में जिला प्रशासन ने बड़ा एक्शन लिया है। हरिभूमि डॉट कॉम ने इस खबर को प्रमुखता से उठाया था। जांच प्रतिवेदन को देखने के बाद कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी ने एफआईआर के आदेश कर दिए हैं। 

शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी थाना कोतवाली पहुंचे। उन्होंने जांच प्रतिवेदन के साथ थाना पुलिस को आवेदन दिया है। कोतवाली पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। 66 लाख के गबन के मामले में फिलहाल तो केशियर अभिजीत के खिलाफ मामला पंजीबद्ध हुआ है। हालांकि पुलिस सूत्र बता रहे हैं कि, चेक की जांच बैंक प्रबंधन तक भी जाएगी। इतना ही नहीं फर्म संचालकों से भी पुलिस पूछताछ करेगी। इस मामले की अब पुलिस गहराई से जांच कर रही है। यह जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ेगी, अस्पताल के बड़े और काले कारनामे भ्रष्टाचार की शक्ल में उजागर होंगे। 

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क्या था पूरा मामला
जिला अस्पताल में सिविल सर्जन कार्यालय से सात चेक गायब हुए थे। इन चेक में तत्कालीन सिविल सर्जन के हस्ताक्षर से पैसे निकाले गए थे। यह रकम 66 लाख की थी। सिविल सर्जन की चैक बुक के 7 ब्लेंक चेक के पन्ने गायब हुए थे। इन्ही चेक के पन्नो से 66 लाख अलग-अलग दुकानों में केशियर अभिजीत चौहान ट्रांजेक्शन कर राशि निकाल ली थी। चेक बुक के अंतिम दो पन्ने और पांच बीच के पार हुए थे। इन चेक का न तो चेक बुक में दर्ज किया गण है, ना ही चेक रजिस्टर में इंट्री हुई है। जांच टीम के सामने सीएस आरएल गंगेश ने कहा मुझे इन चेक की कोई जानकारी नहीं है। चेक जनवरी 2023 से नबंबर 2024 तक इस्तेमाल पूर्व सिविल सर्जन के हस्ताक्षर से हुए हैं। इस पूरे प्रकरण में पूर्व और वर्तमान दोनों सीएस की भूमिका संदिगध रही है। 

बैंक कर्मियों और फर्मो से भी होगी पूदताछ : टीआई
इस मामले में कोतवाली थाना प्रभारी विजय पटेल ने कहा है कि, स्वास्थ्य विभाग से आवेदन आया है। इस प्रकरण में कैशियर के खिलाफ मामला पंजीबद्ध हुआ है। बैंक कर्मियों से भी पूछताछ की जाएगी। फर्मो को भी नोटिस जारी कर पूछताछ होगी।

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