पंकज भदौरिया- दंतेवाड़ा। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में पनीर के दुष्प्रभाव को देखते हुए डीईओ ने न्योता भोज और मीड डे मील पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसको लेकर जिला शिक्षा अधिकारी ने आदेश जारी कर दिया है। जारी आदेश में लिखा है कि, शाला स्तर पर न्यौता भोज कराने में हरी और ताजी सब्जियों का ही उपयोग किया जाये। छात्रों की सेहत को ध्यान में रखते हुये किसी भी सूरत में पनीर का इस्तेमाल नही किया जाये। क्योंकि, पनीर के इस्तेमाल से ही बच्चों को फ़ूड पॉयजनिंग हो रहा है, इसलिए इसे बैन किया जाये।
डेयरी उत्पादों की मिल रही शिकायत
दरअसल, खाद्य पदार्थों में मिलावट कर बाज़ारो में लगातार सस्ते दामों में परोसा जा रहा है। हाल में ही दंतेवाड़ा जिले में बीडीएफ डेयरी की केशर लस्सी में कीड़े निकलते एक वीडियो वायरल हुआ था। मतलब बाज़ारो में बंद डिब्बों में खाद्य सुरक्षा नियमों के मानकों की धज्जियां उड़ाकर खाद्य पदार्थो को बाजार में उतारा जा रहा है। जिसे प्रशासन और खाद्य विभाग बड़ी गंभीरता से लेना चाहिए।
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बाजारों में बेचा जा रहा खराब क्वालटी का पनीर
बाजारों में कई तरह के मिलावटी पनीर भी डेयरी फर्म वाले बेच रहे हैं। इन पनीरो की क्वालटी बेहद ही घटिया और निम्न स्तर की है। इसलिए स्कूलों में पनीर सप्लाई को प्रशासन द्वारा रोक लगा दी गयी है। बाजारों में सस्ते दामों पर बेचने के लिये मिलावटी पनीर जिस पर यूरिया, डिटर्जेंट, मैदा, चूना, पाम ऑइल, सल्फ्यूरिक एसिड तक मिलाने की शिकायत मिल रही है।